Oct 9, 2023
चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के जीवित होने यानी काम करने की संभावना खत्म हो गई है। इसलिए अब सारा ध्यान चंद्रयान-4 पर केंद्रित हो गया है।
Credit: ISRO/Twitter
इसरो ने अब तक तीन चंद्र मिशन लॉन्च किया। अब तक सबसे सफल मिशन चंद्रयान 3 का रहा है। जिसमें विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को चंद्रमा की सतह पर उतारा गया।
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चंद्रयान-3 मिशन चंद्रमा की सतह पर उतरने में कामयाब रहा। लेंडर और रोवर 14 दिनों तक डेटा एकत्र करने में सक्षम था। हालांकि, चंद्रमा पर रात हो जाने कारण मिशन को रोक दिया गया था क्योंकि लैंडर और रोवर धूप के बिना काम कर सकते थे।
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अब दूसरा चंद्र दिवस शुरू होने के बाद भी इसरो विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ संचार स्थापित करने में असमर्थ रहा और वे अब भी स्लीप मोड में हैं लेकिन उसके जागने की उम्मीदें अब भी हैं लेकिन ना के बराबर।
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चंद्रयान-3 मिशन फिर से काम करने की संभावना कम होने के चलते इसरो का सारा ध्यान अब चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण मिशन (Lupex) पर केंद्रित किया जा रहा है। जिसे चंद्रयान-4 मिशन कहा जा रहा है।
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) ने इस चंद्रयान 4 मिशन पर सहयोग करने का निर्णय लिया है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चंद्रयान-4 मिशन चंद्रमा की सतह पर पानी की मौजूदगी का पता लगाने पर केंद्रित होगा।
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हाल ही में दुनिया भर की अंतरिक्ष एजेंसियों ने पानी की मौजूदगी का संकेत दिया है जो भविष्य के अंतरिक्ष रिसर्च मिशनों को सपोर्ट कर सकता है।
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इसरो और JAXA की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में एक और लैंडर और रोवर भेजने की योजना है जो चंद्रमा की सतह का अध्ययन करेगा।
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चंद्रयान-4 मिशन बड़ा महत्व रखता है और इसरो और JAXA के बीच सहयोग भविष्य के विभिन्न अंतरिक्ष अभियानों के लिए उपयोगी हो सकता है।
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चंद्रयान-4 मिशन या Lupex 2026 में लॉन्च किया जाएगा।
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