Nov 13, 2023
वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत के साथ ही इसने रेल सफर में क्रांति ला दी है। पहले से मौजूद जनशताब्दी ट्रेन को वंदे भारत एक्सप्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है।
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इसी सिलसिले में आइए जानते हैं कि जन-शताब्दी ट्रेन और वंदे भारत एक्सप्रेस में क्या अंतर होता है।
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वंदे भारत एक्सप्रेस और जनशताब्दी में बड़ा अंतर यह है कि जन-शताब्दी एक्सप्रेस की लोड कैपेसिटी ज्यादा है।
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जनशताब्दी एक्सप्रेस में कुल 20 कोच होते हैं। इनमें तीन एसी चेयर कार और 17 सामान्य रिजर्वेशन के कोच होते हैं। इसके एसी चेयर कार में 78 सीट के हिसाब से कुल 234 लोग बैठ सकते हैं।
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इसकी सामान्य श्रेणी की 17 कोच में प्रति कोच 102 सीट के हिसाब से 1,734 लोगों के बैठने की क्षमता होती है। इस तरह देखें तो जनशताब्दी में कुल 1,968 लोग सफर कर सकते हैं।
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वंदे भारत में कुल आठ कोच होते हैं। सात चेयर कार कोच में कुल 478 सीटें हैं। वहीं एक्जीक्यूटिव क्लास की एक बोगी में सिर्फ 52 लोग बैठ सकते हैं।
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इस लिहाज से इस ट्रेन में फुल कैपेसिटी में 530 यात्री बैठ सकते हैं। यानी जनशताब्दी एक्सप्रेस 1,438 अतिरिक्त यात्रियों को ले जाने की क्षमता रखती है।
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हालांकि, कम लोड के साथ वंदे भारत ट्रेन ज्यादा स्पीड मेंटेन कर सकती है। दोनों ट्रेन की स्पीड में महज 10 किमी प्रति घंटा की रफ्तार का अंतर है।
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वंदे भारत ट्रेन मॉडर्न टेक्नोलॉजी पर बनी है। यह साउंड प्रूफ है। इसमें एक बोगी से दूसरे बोगी में जाने के लिए बीच में किसी तरह का कोई बैरियर नहीं है। सीटें अधिक आरामदायक हैं।
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वंदे भारत में मोबाइल चार्जिंग और हर सीट पर अलग से लाइटिंग की सुविधा है, मॉडर्न टॉयलेट हैं। सुरक्षा के मानकों पर यह ट्रेन अभी तक भारत की सभी ट्रेनों से आधुनिक मानी गई है।
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