PM बनने के बाद वाजपेयी के मन में थी इस बात की कसक

Jul 31, 2023

By: Alok Rao

अटल बिहारी वाजपेयी मई 1996 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने। पीएम बनने के बाद उन्होंने राजीव शुक्ला को अपना इंटरव्यू दिया।

Credit: BCCL

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बहुमत न मिलने की कसक दिखी

इस इंटरव्यू में वाजपेयी ने बहमुत न मिलने की कसक, विपक्ष की राजनीति एवं अपनी सरकार की नीतियों के बारे में विस्तार से चर्चा की।

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'अटपटा सा लग रहा है'

इस सवाल पर कि पीएम बनने के बाद वह कैसा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ अटपटा सा लग रहा है।

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'अपने दम पर सरकार नहीं बना सकते'

वाजपेयी ने कहा कि जनादेश मिला है लेकिन स्पष्ट नहीं है। अन्य दलों की तुलना में स्थिति अच्छी है लेकिन इतनी अच्छी नहीं है कि अपने दम पर सरकार बना सकें।

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'मिलीजुली भावनाएं हैं'

वाजपेयी ने कहा कि पीएम बनने बाद मिलीजुली भावनाएं हैं। बहुमत जुटाने का प्रयास किया जा रहा है। बहुमत के लिए अनैतिक तरीके नहीं अपनाएंगे। खरीद-फरोख्त का काम नहीं होगा।

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'अपने विवेक से निर्णय लेना चाहिए'

भाजपा नेता ने आगे कहा कि अगर संसद के सदस्य अपने विवेक से ऐसा समझते हैं कि जनादेश भाजपा के साथ गया है और उसे एक मौका देना चाहिए तो हमें अपना बहुमत सिद्ध करने में कठिनाई नहीं होगी।

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'संशय में न रहें मुस्लिम'

'मुझे भरोसा है कि लोकसभा का सदस्य अपने विवेक से निर्णय लेगा। भारत के मुस्लिमों को संशय में रहने की जरूरत नहीं है। उन्हें अलग-थलग रहने की जरूरत नहीं है।'

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'मुस्लिम वोट बैंक पर विपक्ष की नजर'

'विपक्ष की मुस्लिम वोट बैंक पर नजर है। ऐसे दल न तो मुस्लिमों का और न ही देश का भला कर रहे हैं। इस देश में हिंदू अगर सांप्रदायिक हो गया तो धर्मनिरपेक्षता कैसे बचेगी।'

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'बंधा हुआ महसूस करता हूं'

'सुरक्षा की वजह से मैं बहुत बंधा हुआ महसूस करता हूं। इतनी सुरक्षा की क्या जरूरत है। उचित प्रबंध ठीक है लेकिन इसमें दिखावा नहीं होना चाहिए।'

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