Apr 4, 2023
इस तेल को आयुर्वेद में औषधि माना जाता है जो हेल्थ प्रॉब्लम दूर करने के अलावा खाना बनाने में भी इस्तेमाल होता है। इसे ऑलिव ऑयल से भी बेहतर मानते हैं।
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कुसुम पौधे के बीजों से कुसुम का तेल बनता है। लोग इसे नकली केसर भी कहते हैं। यह ब्यूटी प्रोडक्ट्स में प्रयोग होता है और वेट लॉस में मदद करता है।
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आयुर्वेदिक एक्सपर्ट मानते हैं कि कुसुम के तेल में फैट, विटामिन ई, विटामिन के, एनर्जी और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स होते हैं।
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कुसुम के तेल में ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है जो शरीर से फैट को कम करता है। डाइप-2 डायबिटीज में भी इस वजह से यह तेल फायदा देता है।
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बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में कुसुम का तेल मदद करता है। इसमें मौजूद लिनोलिक एसिड यह काम करता है।
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कुसुम के तेल में लिनोलेनिक पा जाता है जो त्वचा को हेल्दी रखता है। ये एंटी ऑक्सिडेंट होता है जो स्किन को यंग रखने में मददगार रहता है।
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कुसुम के तेल में फैट कम और एंटीऑक्सिडेंट व माइक्रो न्यूट्रिएंट्स ज्यादा होते हैं। इसलिए माना जाता है कि ये गठिया की समस्या में फायदेमंद रहेगा।
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कुसुम के तेल के सेवन से पेट और आंत को मजबूती मिलती है। यह पाचन सही करता है और कब्ज की दिक्कत इससे दूर होती है।
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हार्ट केयर और डायबिटीज में कुसुम के तेल का सेवन फायदेमंद रहता है। इसमें polyunsaturated फैटी एसिड होता है जो इन बीमारियों में शरीर के लिए फायदेमंद रहता है।
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