Jan 9, 2024
अवनि बागरोलाश्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता के 14 वर्षीय वनवास का समय बहुत कठिन था। जिसमें उन्होंने जमीन पर सोने से लेकर, पेड़ से तोड़ा फल खाकर अपना पेट भरा था।
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वनवास के दौरान श्रीराम एक बहुत ही खास तरह का फल खाया करते थे। जो भूख मिटाने के साथ कई बीमारियों से बचाव में भी रामबाण है।
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वनवास में राम जी पेड़ के तने जैसा दिखने वाला फल खाया करते थे। जिसे भारत में राम कंदमूल फल के नाम से जाना जाता है।
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इस फल की कोई खेती नहीं होती है, बल्कि ये तो कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंद्र प्रदेश जैसे हिस्सों में अपने आप ही जंगल में उग जाता है।
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ये फल अपने गुणों के लिए बहुत मशहूर है। इसमें बहुत से पोषक तत्व होते हैं। हालांकि इसकी एक या दो से ज्यादा पट्टियां नहीं खानी चाहिए।
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राम कंदमूल को खाने का तरीका भी बहुत खास होता है, इसको पतली स्लाइस के तौर पर काटा जाता है और उसके ऊपर मसाला लगाकर खाते हैं। अत्यधिक स्टार्च होने के कारण आप इसका पाउडर भी खा सकते हैं।
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राम कंदमूल में फाइबर बहुत मात्रा में होता है, जो वजन कम करने में रामबाण हो सकता है। वहीं इसको खाने से मेटाबॉलिज्म भी तेज होता है।
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इस खास फल में सर्दी, खांसी, छाती का कंजेशन आदि दूर करने के भी गुण होते हैं। जिससे आपका श्वासन तंत्र दुरुस्त होता है।
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राम कंदमूल पेट में ठंडक पहुंचाता है, साथ ही ये पेट दर्द, मरोड़, कब्ज आदि जैसी दिक्कतों को दूर करने का भी काम कर सकता है।
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