Dec 22, 2023
दुनिया में एक बार फिर कोरोना वायरस ने हड़कंप मचा दिया है। अमेरिका और चीन समेत भारत में भी कोविड-19 के मामलों में बढ़ोत्तरी देखा जा रही है।
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इस बार कोविड के नए वेरिएंट JN.1 ने भारत में दस्तक दी है और देखते ही देखते इससे संक्रमित लोगों के आंकड़े 2500 के पार हो चुके हैं।
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कोविड का नया वेरिएंट JN.1 दरअसल पिरोला (BA.2.86) का ही एक छोटा वंशज है।
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JN.1 वायरस पिरोला से सिर्फ 1 ही म्यूटेशन ज्यादा लिए हुए है, मगर ध्यान से देखने पर पता चसा कि पिरोला में स्पाइक प्रोटीन पर 30 से ज्यादा म्यूटेशन हैं।
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ये स्पाइक प्रोटीन SARS-CoV-2 वायरस का वो हिस्सा है जो इंसान के शरीर के सेल की चाबी से चिपककर अंदर जा सकता है। इसीलिए इस पर ज्यादा म्यूटेशन चिंता का कारण हैं।
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बता दें कि जेएन.1 के संक्रमण का पहला मामला इस साल सितंबर में अमेरिका में मिला था और दुनिया में इसका पहला मामला जनवरी में ही पाया गया था।
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अब सवाल ये है कि कोरोना का ये नया वेरिएंट आखिर कितना खतरनाक है? और क्या इसके केस बढ़ सकते हैं?
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फिलहाल किसी सबूत से ऐसा नहीं लगता कि जेएन.1 पहले से फैल रहे वैरिएंट्स से ज्यादा गंभीर लक्षण दे सकता है या ज्यादा तेजी से फैल सकता है।
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WHO के वैज्ञानिकों ने ये पाया कि पिरोला और जेएन.1 दोनों ही उन लोगों के खून में आसानी से मर जाते हैं, जिन्होंने कोरोना का टीका लिया है या फिर पहले किसी वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।
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मतलब टीका और पहले का संक्रमण इन नए वेरिएंट्स से हमें बचा लेता है। ये वेरिएंट अभी ज्यादा गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने का कारण नहीं बन रहे हैं, न ही वो टीके को पूरी तरह से बेअसर कर पा रहे हैं।
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