Mar 18, 2024
अवनि बागरोलाद्रोपदी ने महाभारत काल में बेशक ही पांचों पांडवों का खूब ख्याल रखा था।
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पांचों पतियों के साथ वन में रही द्रौपदी ने पांडवों के सम्मान के साथ साथ सेहत बचाने पर भी जोर दिया था।
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पतियों को बुद्धि और बल पोषण प्रदान करने के लिए द्रौपदी वन में दाल पौष्टिक खाना बनातीं थीं।
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पौराणिक कथाओं के अनुसार वन में पांडव खास पंचमेल दाल खाया करते थे। जो सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा अच्छी होती है।
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अरहर, चना, मूंग, मसूर और उड़द की दाल को मिलाकर पंचमेल दाल बनाई जाती है। जो पूरे शरीर के लिए रामबाण है।
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पंचमेल या पंचरत्न दाल में फाइबर और प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। जो डायबिटीज, कैंसर तो दिल आदि की बीमारियों का रिस्क कम करने में मदद करते हैं।
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पंचमेल दाल वेट लॉस के लिए भी अच्छी मानी जाती है। इसे खाकर पेट लंबे समय तक भरा रहता है, तथा इससे पित्त की समस्या भी दूर होती है।
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पंचमेल दाल आसानी से डाइजेस्ट हो जाती है और बॉडी को ताकत भी देती है। जिससे कब्ज, एसिडिटी आदि की दिक्कत नहीं होती है।
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पीलिया या एनिमीया की दिक्कत दूर करने में भी इस दाल को असरदार माना जाता है।
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