Feb 1, 2024
लेकिन कभी इस बारे में जाना है कि अरेबियन सी यानी अरब सागर से ज्यादा बंगाल की खाड़ी में तूफान क्यों बनते हैं। आइये समझते हैं।
Credit: canva
भारत का नक्शा देखें तो जानेंगे कि देश के पश्चिम हिस्से में अरब सागर है, जबकि पूर्वी हिस्से में बंगाल की खाड़ी है।
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बंगाल की खाड़ी में जहां चार चक्रवात बनते हैं, वहीं अरब सागर में मात्र एक चक्रवात बनता है। लेकिन ऐसा क्यों है?
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यह एक उष्णकटिबंधीय तूफान है, जिसमें एक केंद्र के चारों ओर तेजी से घूमती हुई हवाएं चलती हैं, और तेज हवाओं के साथ बारिश भी होती है।
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2023 में अरब सागर में आपने 'तेज' और 'बिपरज्वॉय' नाम का चक्रवात सुना होगा वहीं बंगाल की खाड़ी में 'मोका', 'हमून', 'मिधली' और 'मिचॉन्ग' नाम के चक्रवात आए।
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अरब सागर की गहराई 2750 मीटर के आसपास है, वहीं बंगाल की खाड़ी की गहराई 2600 मीटर के आसपास है। जहां पानी की गहराई ज्यादा होती है वहां लहरें उंची नहीं उठतीं।
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बंगाल की खाड़ी का आकार Funnel शेप का है, जिस कारण तेज हवाएं यहीं घूमती रहती है, और चक्रवात का रूप ले लेती हैं।
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Funnel शेप को आसान शब्दों से समझें - ऐसी जगह जो तीन तरफ से भूमि से घिरी है, जो अतिरिक्त नमी और अस्थिरता का स्रोत प्रदान करती है।
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बंगाल की खाड़ी अरब सागर की तुलना में अधिक उथली है इसलिए पानी से हवा में गर्मी का स्थानांतरण अधिक होता है। इससे नमी और अस्थिरता की संभावना बढ़ जाती है, जो चक्रवात बनने का कारण है।
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यह उथला पानी गहरे पानी की तुलना में अधिक तेजी से गर्म होता है, जो तूफानों के बनने के लिए आवश्यक परिस्थितियां प्रदान करता है।
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अरब सागर बंगाल की खाड़ी की तुलना में बहुत संकीर्ण है, जिसका अर्थ है कि चक्रवातों को बनने में कठिन समय लगता है।
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