Sep 29, 2024
Credit: Canva
साक्षरता न तो शिक्षा का अंत है और न ही इसकी शुरुआत।
आध्यात्मिक प्रशिक्षण से मेरा तात्पर्य हृदय की शिक्षा से है।
जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो, तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।
काम की अधिकता नहीं, अनियमितता व्यक्ति को मार डालती है।
ऐसे जिएं कि जैसे आपको कल मरना है और सीखें ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है।
व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है।
मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है, सत्य मेरा भगवान है और अहिंसा उसे पाने का साधन।
दुनिया में जो भी बदलाव आप देखना चाहते हैं, उसकी शुरुआत खुद से करें।
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