Aug 22, 2023
अवनि बागरोलाअनेकता में एकता का परचम लहराने वाला भारत एक बहुत ही बड़ा एवं विविध व्यक्तित्व वाला देश हैष
Credit: Curly-Tales/Twitter
एक तरफ जहां भारत के कई राज्य और शहर इंडस्ट्रीज, बड़ी-बड़ी इमारतों से भरे हुए हैं।
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उसी भारत का हिस्सा सुकून से बिना ऐसी सुविधाओं के भी सादा और शानदार जीवन जी रहा है।
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कर्नाटक राज्य में मत्तूर नाम का ऐसा ही एक गांव है, जहां जाकर आपको ऐसा लगेगा मानों आप इतिहास में करीब 2 या 3 हजार साल पीछे आ गए हो।
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कर्नाटक के इस गांव में आज भी संस्कृत को ही मातृभाषा माना जाता है। तथा हिंदू से लेकर हर धर्म के लोग यहां संस्कृत में ही बात करते हैं।
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देश के इस गांव में आज भी गुरुकुल परंपरा चली आ रही है। जहां पेड़ के नीचे पाठशाला में बैठ बच्चों को हर विषय का ज्ञान दिया जाता है।
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इस गांव में देश विदेश से लोग आकर संस्कृत सीखते हैं। मान्यता है कि यहां मात्र 20 दिन रहकर आप फर्राटेदार संस्कृत बोलना सीख सकते हैं।
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वैदिक काल जैसा जीवन व्यतीत करने वाला ये गांव विकास में भी कुछ पीछे नहीं है। यहां के घर में एक प्रोफेसर या इंजीनियर है।
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इस साधारण से गांव में आपको हर तरह की सुख-सुविधा के साथ खूब सुकून का अनुभव होगा।
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