कैसे बनते हैं जिला कमांडेंट, क्या SDM ज्योति मौर्या से बड़ा है मनीष दुबे का पद

कुलदीप राघव

Jul 12, 2023

कौन हैं मनीष दुबे

SDM ज्योति मौर्य से कथित अफेयर मामले में होमगार्ड जिला कमांडेंट मनीष दुबे विभागीय जांच में दोषी पाए गए हैं।

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मनीष दुबे का हो सकता है निलंबन

पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या और होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे प्रकरण की जांच रिपोर्ट डीजी होमगार्ड बीके मौर्या ने भेज दी। डीजी होमगार्ड ने कमांडेंट मनीष को निलंबित करने के साथ मुकदमा दर्ज कर विवेचना की सिफारिश की है।

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कौन होता है जिला कमांडेंट

इस बीच प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले युवा जानना चाहते हैं कि होमगार्ड जिला कमांडेंट कौन होता है और कैसे बनते हैं।

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देनी होती है ये परीक्षा

बता दें कि जिला कमांडेंट उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य प्रशासनिक परीक्षा पास करने के बाद बनते हैं।

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डिप्टी एसपी रैंक का पद

जिला कमांडेंट, डिप्टी एसपी रैंक का पद होता है। पीसीएस परीक्षा देने के बाद इन पदों पर चयन होता है।

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एसडीएम रैंक

ज्योति मौर्य (SDM Jyoti Maurya) एसडीएम हैं और UPPCS में 1 से 20 रैंक पर एसडीएम का पद मिलता है।

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एसडीएम से छोटा है पद

जिला कमांडेंट का पद एसडीएम के पद से छोटा है। होमगार्ड जिला कमांडेंट या डीएसपी का पद रैंक 20 से लेकर 70 के बीच मिलता है।

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जिला कमांडेंट की सैलरी

जिला कमांडेंट की सैलरी 56,100 रुपये से शुरू होती है। यह सैलरी एसडीएम की सैलरी के बराबर ही है।

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मिलती हैं ये सुविधाएं

जिला कमांडेंट जनपद के होमगार्ड्स का मुखिया होता है। उसे आवास, सरकारी वाहन, अन्य भत्ते जैसी सुविधाएं मिलती हैं।

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