Oct 26, 2023
भारत में एक गांव ऐसा भी है जो किसी समय में पूरी तरह उजड़ा हुआ था, लेकिन आज इस गांव की तस्वीर ही बदल चुकी है।
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साल 2001 में आए भूकंप में गुजरात का यह गांव पूरी तरह से तबाह हो गया था। लेकिन एक उत्सव ने इस गांव की तकदीर ही बदल डाली।
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इस फेस्टिवल का नाम रण उत्सव है, इसी उत्सव के कारण सरकार ने इस गांव को मूलभूत सुविधाएं दोबारा प्रदान करवाई और गांव का विकास हुआ।
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रण उत्सव ने इस गांव को देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मशहूर कर दिया।
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रण उत्सव मनाने का श्रेय गांव के गुलबेग मियां और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है, गुलबेग मियां के देखे हुए रण उत्सव के सपने को उनके बेटे ने उस समय की मोदी सरकार तक पहुंचाया, जिसपर सरकार ने अमल किया।
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अब तक तो आप समझ गए होंगे कि हम किस गांव की बात कर रहें है। हम गुजरात के धोरडो गांव की बात कर रहें है, जो कच्छ के रण में है और सफेद रेगिस्तान की चादर में लिपटा हुआ है।
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रण उत्सव इस साल 10 नंवबर से शुरू होगा और 25 फरवरी 2024 तक चलेगा। इसका आयोजन टूरिज्म कॉर्पोरेशन ऑफ गुजरात लिमिटेड की तरफ से टेंट सिटी में किया जाता है।
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रण उत्सव शुरुआत में 3 दिनों के लिए आयोजित होता था लेकिन अब इसे 100 दिनों तक सेलिब्रेट किया जाता है। इसमें शामिल होने के लिए विदेशों से भी लोग शामिल होते हैं।
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रण उत्सव में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है और यहां पर पर्यटकों के रहने के लिए टेंट सिटी बनाई जाती है। इसमें शामिल होने के लिए आप ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं।
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