Oct 26, 2023
ये तो बच्चा-बच्चा जानता है कि देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली है। यह शहर काफी पुराना है और इसका इतिसाह भी। कई पौराणिक गाथाओं में दिल्ली के प्राचीन नाम का उल्लेख है। लेकिन, आज हम जानेंगे कि आखिर दिल्ली नाम कैसे पड़ा और किसने रखा?
Credit: social-media
लेकिन, सवाल ये उठता है कि आखिर यह नाम कैसे पड़ा और क्या है इसके पीछे की कहानी?
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पांडवों ने इस नगरी को बसाया था और उस वक्त इसे इंद्रप्रस्थ कहा जाता था।
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ऐसा कहा जाता है कि ईसा पूर्व 50 में धिल्लु नाम के मौर्य राजा थे, जिन्हें दिलु भी कहा जाता था। यहीं से अपभ्रंश होकर दिल्ली नाम पड़ गया।
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कुछ इतिहासकारों का मानना है कि तोमरवंश के राजा धव ने इसका नाम ढीली रख दिया, क्योंकि किले के अंदर लोहे का खंभा काफी ढीला था। ढीली शब्द ही बाद में दिल्ली बन गया।
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कहा ये भी जाता है कि तोमरवंश के समय में जो सिक्के बनते थे उन्हें देहलीवाल कहा जाता था। उसी से इसका नाम दिल्ली पड़ गया।
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कुछ का यह भी कहना है कि करीब डेढ़ हजार साल पहले इसे हिन्दुस्तान का दहलीज माना जाता था। दहलीज का अपभ्रंश दिल्ली बन गया।
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दरबारी कवि चंदरबरदाई ने रचना पृथ्वीराज रासो में तोमर राजा अनंगपाल को दिल्ली का संस्थापक बताया है।
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इसके अलावा दिल्ली नाम को लेकर कुछ और कहानियां प्रचलित हैं।
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