Nov 17, 2023
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक ऐसी जगह है जिसे कोलकाता के फेफड़ों का नाम दिया जाता है।
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दरअसल यह जंगल कोई जंगल नहीं बल्कि एक झील है, जिसका नाम रवींद्र सरोबर है। इसे कोलकाता का फेफड़ा कहा जाता है।
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रवींद्र सरोबर एक मानव निर्मित झील है। इसके आसपास का वातावरण बहुत शांति और सुकून भरा रहता है।
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रवीद्र सरोवर को पहले ढकुरिया झील के नाम से भी जाना जाता था। इस झील का नाम बदलकर प्रसिद्ध कवि रवींद्रनाथ टैगोर के नाम पर रखा गया।
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इस झील को 1921 में बनाया गया था, यह झील 73 एकड़ दलदली जमीन को खोदकर बनाई गई थी। इसके निर्माण के लिए 192 एकड़ दलदली जंगल का अधिग्रहण किया गया था।
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यह झील दक्षिणी कोलकाता में बनी हुई है। यह कोलकाता का दूसरा सबसे बड़ा जल निकाय है।
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इस झील के हरे आवरण के कारण इसे कोलकाता का फेफड़ा कहा जाता है। यह शहर के प्रदूषण के बीच लोगों को ताजी हवा देने का काम करती है।
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यहां पर लोगों को सुबह की सैर करना बहुत पसंद है। इसके अलावा यहां पर तैराकी कक्षाएं भी आयोजित होती हैं।
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रवींद्र सरोबर में आने के लिए कोई पैसे या टिकट नहीं लगती है। यह झील सुबह 5 बजे से 10 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक खुली रहती है।
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