Sep 25, 2024
नोएडा आज बिजनेस और एजुकेशन हब होने के साथ ही NCR का बड़ा रिहायशी शहर है। यह उत्तर प्रदेश के विकास का इंजन बन गया है।
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माना जाता है कि महाभारत काल में द्रोणाचार्य का आश्रम इसी नोएडा क्षेत्र में था। यहीं पर वह अपने अपनी पत्नी कृपी और बेटे अस्वथामा के साथ रहते थे।
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मान्यता है कि यहीं पर द्रोणाचार्य ने कुरु राजकुमारों पांडवों और कौरवों को शिक्षा दी और एकलव्य भी यहीं जंगल में रहकर धनुर्विद्या का अभ्यास करता था।
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दिल्ली में जनसंख्या के बढ़ते दबाव के चलते आजादी के बाद नए शहर बसाने की जरूरत महसूस की गई। इसी कड़ी में नोएडा को बसाया गया।
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17 अप्रैल 1976 में दिल्ली में ओखला के सामने यमुना नदी के दूसरे तट पर शहर की नींव रखी गई। लोगों को आसानी हो इसलिए इसका नाम नोएडा रखा गया।
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नए शहर को बसाने की जिम्मेदारी नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकण (Noida) को दी गई और यही नोएडा नए शहर का नाम बन गया।
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1980 के दशक की शुरुआत में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तेज विकास को भांपते हुए और भीड़ को कम करने के लिए गुड़गांव और नोएडा एक्सटेंशन (ग्रेटर नोएडा) को भी NCR में शामिल किया गया।
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बुलंदशहर और गाजियाबाद के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर 6 सितंबर 1997 को गौतमबुद्ध नगर जिला बनाया गया। इस जिले के अंतर्गत ही नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट आते हैं।
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आज विकास के मामले में नोएडा ने गाजियाबाद और बुलंदशहर को पीछे छोड़ दिया है। यह शहर उत्तर प्रदेश के विकास का इंजन बन गया है।
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