Apr 1, 2024
Credit: iStock
Credit: iStock
Credit: iStock
Credit: iStock
Credit: iStock
ऐसा माना जाता है कि रामायण काल में राम ने तड़का का वध कर अपने धनुष से यहां रेखा खींची थी, जिससे इस घाट का नाम रामरेखा पड़ा। इसके पास ही विश्वामित्र आश्रम और रामेश्वर नाथ मंदिर है।
Credit: iStock
बक्सर शहर के बीचों बीच यह घाट स्थित है। यहीं पर सिद्धेश्वर नाथ मन्दिर है, जिनके नाम से इस घाट का नाम पड़ा।
Credit: iStock
इस घाट के बीच में एक कुआं है। ऐसा कहा जाता है कि पुराने समय में राजा रुद्रदेव की महारानी सुरंग के माध्यम से इस कुएं में नहाने जाती थी, जिस वजह से इस घाट का नाम रानी घाट पड़ा।
Credit: iStock
बक्सर के चरित्रवन में मुक्तिधाम के नाम से एक शमशान घाट है, जहां दिन-रात चिताएं जलती रहती हैं। यहां काल भैरव और माता तारा का मंदिर है।
Credit: iStock
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स