Mar 24, 2024
एक ऐसा उत्पाद जो महात्मा गांधी के 107 साल पहले सत्याग्रह वाले स्थान पश्चिम चंपारण से आता है।
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इस उत्पाद का नाम बकरी के दूध का साबुन है जो 45 रुपये में बिकता है।
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साबुन बनाने में इस्तेमाल होने वाला बकरी का दूध 200 रुपये प्रति लीटर तक बिकता है।
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बिली बकरों का भी महंगा मांस है। लेकिन इन दिनों असली कमाई करने का जरिया बकरी का दूध बन गया है।
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यही वजह है यहां के परिवार बकरियों में निवेश कर रहे हैं।
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दूध से बनने वाले साबुन ने जिले के बगहा-2 ब्लॉक में थारू जनजाति की महिलाओं के लिए एक कुटीर उद्योग को जन्म दिया है।
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जिससे उन्हें वन उपज इकट्ठा करने के कठिन परिश्रम से मुक्ति मिल गई है।
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आदिवासी महिलाओं ने स्वस्थ और नदी के पानी को नुकसान पहुंचाए बिना उसका उपयोग हो सके इस उद्देश्य से तैयार किया था।
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