Dec 16, 2023
अनिवार्य पीरियड लीव का विषय चर्चा में है लोग उसके बारे में अपनी राय दे रहे हैं।
Credit: iStock
ऐसे में ब्यूटी और बेबी प्रोडक्ट ब्रांड मामा अर्थ की को-फाउंडर गजल अलघ ने इसपर अपनी राय दी है।
Credit: Instagram
गजल ने चिंता जाहिर की कि पीरियड लीव की लड़ाई संभावित रूप से लैंगिक समानता को लेकर हुए सुधार को कमजोर कर सकती है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए इसका एक तीसरा ही रास्ता बताया है।
Credit: Instagram
उन्होंने कहा कि 'हमने इक्वल ऑपरच्युनिटीज और महिलाओं के अधिकारों के लिए सदियों से लड़ाई लड़ी है और अब पीरियड लीव के लिए लड़ना इस कड़ी मेहनत को पीछे धकेल सकता है।
Credit: Instagram
उन्होंने इसका एक बेहतर समाधान दर्द से जूझ रही महिलाओं को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देने की कही है।
Credit: Twitter
बीते दिनों केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने महिला कर्मचारियों के लिए अनिवार्य पीरियड लीव के विचार पर विरोध जताया था।
Credit: Twitter
उन्होंने राज्यसभा में सांसद मनोज कुमार झा के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि मासिक धर्म जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा है और इसके लिए स्पेशल लीव प्रोविजन की जरूरत नहीं है।
Credit: Twitter
ईरानी ने कहा, 'मेंसट्रुएशन साइकिल कोई बाधा नहीं है, यह महिलाओं की जीवन यात्रा का एक स्वाभाविक हिस्सा है।'
Credit: Twitter
कुछ भारतीय कंपनियां जैसे इविपन, जोमैटो, बायजूज, स्विगी, मातृभूमि, मैग्जटर, इंडस्ट्री, एआरसी, फ्लाईमायबिज और गुजूप पहले से ही पेड पीरियड लीव ऑफर करती हैं।
Credit: Twitter
वही UK, चीन, जापान, ताइवान, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, स्पेन और जाम्बिया पहले से ही किसी न किसी रूप में पेड पीरियड लीव दे रहे है। लेकिन भारत में ये अभी भी बहस का मुद्दा बना हुआ है।
Credit: Twitter
Thanks For Reading!
Find out More