Sep 14, 2023
इस समय दिग्गज कंपनियां एक झटके में हजारों लोगों को निकाल रही हैं। जिसमें गूगल , माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन जैसे दिग्गज शामिल हैं।
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लेकिन अभी भी कुछ कंपनियां हैं, जो छंटनी में भरोसा नहीं करती हैं। और वह इसे सबसे आखिरी विकल्प मानती हैं। और जीरो ले ऑफ पॉलिसी भी अपनाती हैं।
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दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी एप्पल छंटनी में भरोसा नहीं करती है। हाल ही में सीईओ टिम कुक ने कहा था कि यह सबसे आखिरी रास्ता है।
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टाटा ग्रुप की TCS भी ऐसी ही एक कंपनी है। हाल ही में उनके एचआर हेड ने कहा था कि वह छंटनी नहीं करेंगे। कंपनी कर्मचारियों को पूंजी मानती है।
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वर्तमान में विश्व बैंक के चेयरमैन जब मास्टर कार्ड के सीईओ थे, तो उन्होंने कोविड के दौरान अहम बयान दिया था। उन्होंने अपने 19 हजार कर्मचारियों से कहा था कि किसी भी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी।
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AI क्षेत्र की दिग्गज कंपनी NVIDIA भी छंटनी से अपने को दूर रखती है। हाल ही में टाटा और रिलायंस ने इसके साथ करार किया है।
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कैफे कॉफी डे को फिर से खड़ा करने में मालविका हेगड़े का अहम रोल रहा है। उन्होंने अपने 25000 से ज्यादा कर्मचारियों को लेटर लिख सपोर्ट के लिए शुक्रिया कहा था।
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टेक महिंद्रा के पूर्व सीईओ किरन देशपांडे ने हाल ही में टेक क्षेत्र में हुई छंटनी पर एक ट्वीट कर लिखा था, और कंपनियों को सीईओ को सलाह दी थी कि उन्हें नई भर्तियों को लेकर ज्यादा व्यवहारिक होना चाहिए। और छंटनी के तरीके पर भी सवाल उठाए थे।
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