Jan 16, 2023
By: Medha Chawlaभारतीयों के लिए सोना (Gold) सिर्फ एक धातु नहीं बल्कि एक भावना है। घर पर किसी की शादी हो या त्योहार, कई लोग इन अवसर पर सोना खरीदते हैं। यह परंपरा देश में सालों से चलती आ रही है।
कीमती धातु को रिजर्व के रूप में माना जाता है जो मुद्रास्फीति, अस्थिरता, मुद्रा में गिरावट के खिलाफ पोर्टफोलियो के लिए अच्छी होती है। जनवरी से सितंबर 2022 की अवधि में दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद रिकॉर्ड ऊंचाई पर चली गई।
ना सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में महंगाई काफी बढ़ चुकी है। लगातार बढ़ रही मुद्रास्फीति और क्रिप्टोकरंसी के डर के बीच अब देशों ने सोना खरीदना शुरू कर दिया है।
दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने तीसरी तिमाही में 440 टन के साथ सामूहिक रूप से 670 टन पीली धातु खरीदी। वहीं एक-चौथाई केंद्रीय बैंक इस साल पीली धातु खरीदने का इरादा रखते हैं।
साल 2022 में सोने का टॉप खरीदार तुर्की रहा। इसने जनवरी से सितंबर तिमाही के दौरान 94.63 टन पीली धातु खरीदी, जो कि मिस्र की ओर से खरीदे गए 44.41 टन से दोगुने से भी ज्यादा है।
33.90 टन सोने की खरीदारी के साथ इराक तीसरे स्थान पर है। वहीं इस लिस्ट में भारत चौथे स्थान पर है। भारत ने 31.25 टन सोने की खरीदारी की है। भारत के बाद कतर है जिसने 30.29 टन सोना खरीदा।
भारत अपने विदेशी मुद्रा भंडार में विविधता लाने और भारतीय मुद्रा में किसी भी गिरावट को कम करने के लिए पीली धातु को जोड़ रहा है। नवंबर 2022 में, कुल Forex Reserve में सोने की हिस्सेदारी 7.26 फीसदी थी।
16 जनवरी को भारतीय बाजारों में गोल्ड की कीमत ने एक नए रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू लिया है। MCX पर 3 फरवरी को मैच्योर होने वाला सोना 56,562 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया।
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