Oct 20, 2022
त्योहारी सीजन में सोने और चांदी के गहनों की मांग बढ़ जाती है। ऐसे में ग्राहकों को इसकी शुद्धता की भी चिंता होती है।
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भारत में सोने के गहनों के लिए हॉलमार्किंग जरूरी है। ज्वैलर्स सिर्फ Hallmark वाले सोने के आभूषण ही बेच सकते हैं, लेकिन चांदी का क्या?
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भारतीय मानक ब्यूरो के नियमों के अनुसार, चांदी के आभूषणों और सिक्कों को बेचने के लिए उन्हें हॉलमार्क करवाना अनिवार्य नहीं है।
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ज्वैलर्स अपनी इच्छा से चांदी के लिए हॉलमार्किंग करवा सकते हैं। सरकार ने स्वैच्छिक Silver Hallmarking के लिए कुछ गुणवत्ता मानक भी जारी किए हैं।कैसे पता चलता है कितना शुद्ध है सोना?
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ग्राहक ज्वैलर्स से हॉलमार्क वाली चांदी खरीदने का अनुरोध कर सकते हैं। जौहरी को चांदी के आभूषणों को हॉलमार्क करवाने के लिए नजदीकी जांच केंद्र में ले जाना होगा।
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चांदी के गहनों पर हॉलमार्किंग के चार साइन हैं- 'सिल्वर' शब्द के साथ BIS मार्क, शुद्धता ग्रेड, सेंटर का पहचान चिह्न और ज्वैलर का चिह्न या निर्माता का पहचान चिह्न।
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चांदी की शुद्धता को जानना महत्वपूर्ण है। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्वैलर्स चांदी के आभूषण और बर्तन बनाने के लिए इसमें लेड मिलाते हैं।
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बहुत से लोग खाने-पीने के लिए चांदी के बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में लेड की मात्रा ज्यादा होना उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
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