Jul 30, 2024
इंजीनियरिंग करियर छोड़ उत्तराखंड के संदीप पांडे ने 2009 में अपने गृह राज्य में एक रेस्टोरेंट खोला, जो 2013 की बाढ़ में बर्बाद हो गया
Credit: X/Himfla
बाढ़ के 3 महीने बाद वह एक खेत से गुजर रहे थे। उन्होंने कुछ महिला मजदूरों को प्याज और पिस्युन लून (पहाड़ी नमक) के साथ रोटी खाते हुए देखा
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उन्होंने चपाती के साथ लहसुन और हरी मिर्च से बना नमक टेस्ट किया। फिर इसी नमक से ककड़ी खाई। उन्हें समझ आ गया कि नमक बेहद कमाल का है
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संदीप ने इस नमक का बिजनेस करने और ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देने का फैसला किया
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उन्होंने अपने बचपन के दोस्तों सौरभ पंत और योगेंद्र सिंह के साथ मिलकर 'हिमफ्ला' (हिमालय फ्लेवर्स का संक्षिप्त नाम) प्रोडक्ट लॉन्च किया
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संदीप ने पारंपरिक सिलबट्टे का इस्तेमाल किया। 160 रु के शुरुआती निवेश के साथ उन्होंने पीसने का पत्थर, मुट्ठी भर धनिया और हरी मिर्च से काम शुरू किया
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मार्केटिंग के लिए संदीप और उनके दोस्तों ने स्थानीय मेले में स्टॉल लगाया, जिससे उन्हें पहचान मिल गई
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अब हिमफ्ला हर महीने देश-दुनिया के ग्राहकों के लिए 20 क्विंटल तक फ्लेवर्ड नमक बनाता है। इसका रेवेन्यू 1.5 करोड़ पहुंच गया है
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