Mar 6, 2024
भारत में कई अरबपतियों ने बहुत छोटे लेवल से शुरुआत की है। इनमें गुजरात की नमकीन कंपनी गोपाल स्नैक्स के फाउंडर बिपिनभाई विट्ठलभाई हदवानी भी शामिल हैं
Credit: Gopal-Snacks/BCCL
बिपिनभाई ने साइकिल पर नमकीन बेची। गुजरात के भादरा गांव में उनके पिता की नमकीन की दुकान थी
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बचपन में बिपिनभाई जब स्कूल से लौटते तो साइकिल पर नमकीन लादकर बेचने जाते। मगर उनकी सेल्स का दायरा केवल गांव तक सीमित था
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1990 में कारोबार बढ़ाने के लिए बिपिनभाई ने पिता से 4500 रु लिए और राजकोट पहुंचे। इसी 4500 रु से उन्होंने कारोबार जमा लिया
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उसी साल उन्होंने एक रिश्तेदार के साथ मिलकर 'गणेश' नाम से नमकीन वेंचर शुरू किया। मगर ये पार्टनरशिप 1994 में टूट गई और बंटवारा हो गया
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बंटवारे पर हदवानी को 2.5 लाख रु मिले और इसी से उन्होंने गोपाल स्नैक्स नाम से कंपनी शुरू की। वे अपनी पत्नी के साथ मिलकर घर पर ही नमकीन बनाते
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उनके पिता ने दो फॉर्मूले दिए थे। पहला 'ग्राहकों को वही बेचो, जो खुद खाना चाहो' और दूसरा 'ज्यादा पैसा कमाने के लिए बिजनेस बढ़ाओ, कीमत नहीं'
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इसीलिए उन्होंने गुजराती स्नैक चवानु बनाया और इसे 1 रुपये की कीमत पर बेचा। मगर सेल्स नहीं बढ़ी। उन्होंने फिर साइकिल उठाई और छोटे दुकानदारों के पास पहुंचे
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बिपिनभाई ने प्रोडक्ट की क्वालिटी शानदार रखी, जिससे उनकी सेल्स बढ़ती गई। FY23 में गोपाल स्नैक्स की इनकम 1395 करोड़ रु रही
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6 मार्च से गोपाल स्नैक्स का आईपीओ खुल गया है। 11 मार्च को आईपीओ बंद होगा और इसकी लिस्टिंग 14 मार्च को होगी
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