Aug 15, 2023
घनश्याम दास बिड़ला ने 16 साल की उम्र से बिजनेस शुरू कर दिया था। शुरू में वह एक ट्रेडर के रूप में काम करते थे।
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घनश्याम दास बिड़ला जब जूट कारोबार में उतरे तो अंग्रेज उन्हें हर पल जलील करने की कोशिश करते थे। लिफ्ट यूज नहीं करने देना, बैठने के लिए सीट नहीं देना जैसी चीजों का वह सामना करते थे।
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बिड़ला ने टाटा और दूसरे उद्योगपतियों के साथ मिलकर आजाद भारत की ग्रोथ का बांबे प्लान भी पेश किया। इसके पहले उन्होंने जूट मिल, शुगर मिल की स्थापना की।
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जीडी बिड़ला महात्मा गांधी के बेहद करीब थे। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी को काफी फंडिंग की थी।
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बिड़ला ने बंगाल में जूट मिल लगाई। वहां भी अंग्रेजों ने उनके कारोबार को चौपट करने की कोशिश की, लेकिन मेहनत से उन्होंने चुनौतियों को पार किया।
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बिड़ला ने शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय काम किया। और BITS पिलानी जैसे संस्थान की स्थापना की।
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देश में पहली बार किसी भारतीय कंपनी ने कार बनाई। और अंबेस्डर को भारत की सवारी बना दिया।
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उद्योग जगत की आवाज के लिए फिक्की जैसे संगठन की स्थापना की। और आज भी वह उद्योग जगत की आवाज का प्रमुख संगठन है।
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