Dec 8, 2023
आज रॉयल एनफील्ड का मार्केट में दबदबा है और ये लंबे समय से ग्राहकों की चहेती कंपनी बनी हुई है।
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1960 के दशक में जापानी बाइक्स मार्केट में आईं जिससे 1967 में रॉयल एनफील्ड दिवालिया हो गई।
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1970 में कंपनी के दरवाजे बंद हो गए थे, लेकिन बुलेट मोटरसाइकिल का नाम हमेशा जिंदा रहा और फिर...
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भारत की आजादी के बाद भी ब्रिटिशर्स से अच्छे संबंध बने रहे और 1949 में इन बाइक्स का इंपोर्ट शुरू हुआ।
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कमजोर मांग के चलते 1994 में रॉयल एनफील्ड की हालत खराब हो गई थी और फिर एक कमाल हुआ।
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आयशर के फाउंडर विक्रम लाल के बेटे सिद्धार्थ लाल ने कंपनी में नई जान फूंकी और नेक्स्ट लेवल पर पहुंचाया।
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सिद्धार्थ लाल ने रॉयल एनफील्ड का विजन ऐसे साफ किया कि आज मार्केट में इस ब्रांड का जलवा बरकरार है।
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रॉयल एनफील्ड का मौजूदा मोटरसाइकिल लाइनअप इतना जोरदार है कि कोई भी बाइक किसी से कम नहीं है।
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