Dec 11, 2023

टशन मारने के लिए नहीं, पाक पर नजर रखने के लिए बनी थी बुलेट

Anshuman Sakalley

बॉडर्र पर रॉयल एनफील्ड

सेना और रॉयल एनफील्ड बुलेट का लगभग 70 सालों पुराना रिश्ता है, 1948 से बुलेट इंडियन आर्मी की वफादार है।

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1948 में मारी एंट्री

ब्रिटिश बाइक निर्माता रॉयल एनफील्ड ने 1948 में आयात कर रॉयल एनफील्ड बुलेट मोटरसाइकिल बेचना शुरू किया।

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पेट्रोलिंग का काम

भारतीय सेना के जवान बॉडर्र पर गश्त के लिए रॉयल एनफील्ड का इस्तेमाल किया करते थे। ये आज भी यूज होती है।

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पहले ये थी सवारी

रॉयल एनफील्ड से पहले भारतीय सेना ट्रॉयम्प और बीएसए की बाइक्स का इस्तेमाल पेट्रोलिंग के लिए करते थे।

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सफल टेस्टिंग

भारतीय सेना द्वारा सफल टेस्टिंग के बाद रॉयल एनफील्ड बुलेट को चुना गया और दशकों से ये सेना की भरोसेमंद साथी है।

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पहली सप्लाई

पहली बार 350 सीसी क्षमता वाली 4 स्ट्रोक रॉयल एनफील्ड बाइक्स की सप्लाई हुई, बाद में इसकी मांग बढ़ती गई।

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देश में उत्पादन

इंपोर्ट करने की जगह रॉयल एनफील्ड का उत्पादन देश में करने की योजना बनाई और मद्रास में इसकी पहली फैक्ट्री लगाई।

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