नई दिल्ली : कश्मीर मसले को दुनिया की नजरों में बनाए रखने के लिए पाकिस्तान अपनी जी-जान से जुटा है लेकिन उसके अथक प्रयासों के बावजूद उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन हासिल नहीं हो पाया है। इससे झुंझलाए और बौखलाए पाकिस्तान के हुक्मरान नए-नए दांव एवं चाल चल रहे हैं फिर भी उनकी कोई नहीं सुन रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि वह 13 सितंबर को कश्मीरियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए अपने कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की राजधानी मुजफ्फराबाद में एक रैली को संबोधित करेंगे।
इस रैली के बारे में इमरान खान ने बुधवार को एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने कहा, 'इस रैली का उद्देश्य भारत के नियंत्रण वाले कश्मीर की स्थिति से दुनिया को परिचित कराना है।' पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि इस रैली के जरिए दुनिया को पता चलेगा कि भारत अपनी फौज के जरिए वहां के लोगों को बंधक बनाकर रखा है। साथ ही यह इस रैली से कश्मीरियों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए यह संदेश देना है कि पाकिस्तान उनके साथ खड़ा है।'
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 42वें सत्र की बैठक जेनेवा में चल रही है। इस बैठक में पाकिस्तान ने कश्मीर में मानवाधिकार हनन का मुद्दा उठाया। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत कश्मीर में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। हालांकि, भारत ने उसके आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उसके दावों एवं झूठ के पुलिंदे की पोल खोल दी। फिर भी पाकिस्तान ने यूएनएचआरसी में अपनी सफलता का दावा किया है।
उसका दावा है कि जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों पर चिंता जताने वाले संयुक्त बयान पर वह 50 देशों का समर्थन हासिल करने में कामयाब हुआ। हालांकि, इस दावे के लिए पाकिस्तान का मजाक बन रहा है क्योंकि यूएनएचआरसी में 50 नहीं बल्कि 47 देश हैं। पाकिस्तान का यह भी दावा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कश्मीर पर उसके रुख का समर्थन किया है।