नई दिल्ली: कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (ICJ) का हाल ही में फैसला आने के बाद पाकिस्तान ने अब काउंसलर एक्सेस देने को राजी दिख रहा है। पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक शुक्रवार को काउंसलर एक्सेस देने का प्रस्ताव दिया है और कहा जा रहा है कि इस बारे में भारत को सूचित किया गया है।
पाकिस्तान अभी तक कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने से मना करता रहा है।भारत वियना कन्वेंशन के तहत काउंसलर एक्सेस चाहता था लेकिन पाकिस्तान अपनी शर्तों पर काउंसलर एक्सेस देना चाहता है।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, 'पाकिस्तान ने अनुच्छेद 36 के तहत जाधव को उनके अधिकारों के बारे में तुरंत सूचित करने और भारत को कांसुलर पहुंच प्रदान करने के बारे में बता दिया है। इस मामले में पाकिस्तान को भारत के जवाब का इंतजार है।
जाधव पर आईसीजे ने हाल ही में सुनाया था फैसला
गौरतलब है कि हाल ही में आईसीजे ने अपने सुनाए गए फैसले में जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी और पाकिस्तान को इस मामले में नए सिरे से विचार करने के लिए कहा था। आईसीजे ने पाकिस्तान को वियना कन्वेंशन के तहत जाधव को बिना देरी किए उसके अधिकारों के बारे में बताने और राजनयिक पहुंच प्रदान करने के लिए भी कहा था।
इसे अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा गया था। हालांकि इस मामले में पाकिस्तान ने भी यह कहकर अपनी पीठ थपथपाई कि आईसीजे ने जाधव को रिहा करने की भारत की मांग खारिज कर दी।
इस मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद के दोनों सदनों लोकसभा व राज्यसभा में बयान भी दिया था और जोर देकर कहा था कि पाकिस्तान अब जल्द से जल्द जाधव को रिहा कर भेज दे। उन्होंने जाधव के हितों की रक्षा के लिए एक बार फिर सरकार की प्रतिबद्धता जताई तो इस मुश्किल वक्त में अनुकरणीय साहस दिखाने के लिए उनके परिवार की तारीफ भी की।
जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी व आतंकवाद के मामले में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई है। उसका कहना है कि जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया है और वह पाकिस्तान में भारत का जासूस था।
हालांकि भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि जाधव नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी हैं, जिन्हें पाकिस्तान ने ईरान से अगवा किया। भारत का कहना है कि नौसेना से रिटायर होने के बाद वह ईरान में अपने कारोबार के सिलसिले में थे, जहां से पाकिस्तान ने उन्हें अगवा कर लिया था।