इस दुनिया में रहस्यमयी चीजों की कमी नहीं है। खासकर, भारत में आपको कई ऐसे मंदिर मिल जाएंगे, जिनकी गुत्थी अब तक नहीं सुलझ सकी। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो तकरीबन 6 से 8 महीना पानी में ही डूबा रहता है।
बनारस के 'मणिकर्णिका घाट' के पास मौजूद इस मंदिर का नाम रत्नेश्वर महादेव मंदिर है।
'रत्नेश्वर महादेव मंदिर' कलात्मक रूप से बेहद आलीशान है। इस मंदिर में अद्भुत शिल्प कारीगरी की गई है।
ये मंदिर अपने एक अजीबो-गरीब रहस्य के लिए भी जाना जाता है। इस मंदिर के छज्जे की ऊंचाई जमीन से 7 से 8 फीट हुआ करती थी, जो अब केवल 6 फीट रह गई है।
ये मंदिर सैकड़ों सालों से 9 डिग्री पर झुका हुआ है। समय के साथ इसका झुकाव बढ़ता जा रहा है।
ये मंदिर 'मणिकर्णिका घाट' के एकदम नीचे है, जिसकी वजह से गंगा का पानी बढ़ने पर ये मंदिर 6 से 8 महीने तक पानी में डूबा रहता है।
मंदिर में केवल 3-4 महीने ही पूजा हो पाती है। हालांकि, पानी में रहने के बावजूद भी इस मंदिर को कोई नुकसान नहीं होता।
यह मंदिर कब बना था इसकी सही-सही जानकारी इतिहास में भी मौजूद नहीं। लेकिन, जानकारों का कहना है कि मंदिर 15 शताब्दी में बनाया गया था। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर को अहिल्याबाई होल्कर की एक दासी ने बनवाई थी। लेकिन, नाम नहीं देने पर अहिल्याबाई ने श्राप दे दिया था। जिसके कारण मंदिर टेढ़ा हो गया।
वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि 18वीं के दौरान एक संत ने बनारस के राजा से इस मंदिर की देखरेख करने की ज़िम्मेदारी मांगी। लेकिन, राजा ने उस संत को अपमानित कर दिया था। गुस्से में आकर संत ने श्राप दे दिया और कहा कि ये मंदिर कभी भी पूजा के लायक नहीं रहेगी। जिसके कारण यह 6 से 8 महीने तक पानी में डूबा रहता है। हालांकि, स्पष्ट रूप से इसके बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
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