मई , जून का महीना आते ही सबके मन में एक ही सवाल उठने लगता है कि मानसून कब आएगा और उसकी स्थिति क्या होगी? इसके लिए लोग मौसम विभाग पर निर्भर रहते हैं। लेकिन, इस देश में एक मंदिर ऐसा है, जो पहले ही बता देता है कि मानसून कब आएगा। इतना ही लोग इस पर आंख मूंद कर भरोसा करते हैं।
यह अनोखा मंदिर उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के घाटमपुर तहसील में बहेटा बुजुर्ग गांव में मौजूद है। लोग इस मंदिर को जगन्नाथ मंदिर के नाम से जानते हैं।
इस मंदिर की संरचना एक गुंबंद वाले मंदिर के रूप में की गई है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलराम और बहन सुभद्रा की मूर्तियां मौजूद हैं।
जगन्नाथ जी की मूर्ती के ऊपर एक लाल पत्थर जड़ा है जिससे मानसून आने से पहले पानी रिसने लगता है। लोगों का कहना है कि पूरे साल इस पत्थर से पानी नहीं टपकता, लेकिन जैसे ही मानसून आने वाला होता है तो ये उसके आने के संकेत पानी की बूंदों के रूप में देने लगता है।
लोगों का कहना है कि मानसून से 7-15 दिन पहले इससे पानी रिसने लगता है। पानी कहां से आता है और इसका क्या रहस्य है आज तक कोई नहीं सुलझा पाया।
मंदिर के पुजारियों और स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर पत्थर से कम पानी गिरता है, तो मानसून खराब रहता है। वहीं, अगर पानी अधिक गिरता है तो मानसून बहुत अच्छा होता है।
लोगों का कहना है कि आज तक इस मंदिर की भविष्यवाणी गलत साबित नहीं हुई है।
इस अनोखे मंदिर का निर्माण किसने करवाया इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन, ग्रामीणों का मानना है कि हजारों साल पहले इस मंदिर को महर्षि दधीचि ने बनवाया था।
मंदिर में आखिरी बार 11वीं शताब्दी में जीर्णोद्धार कराए जाने के साक्ष्य मिलते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि इसका निर्माण देवी-देवताओं ने किया है। लेकिन, मंदिर को लेकर सटीक जानकारी कहीं नहीं है।
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