15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ था। आजादी से लोग काफी उत्साहित थे और सड़कों पर नाच रहे थे। राष्ट्रपति भवन, संसद आदि के आस-पास लोगों का हुजूम लगा था।
वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने 15 अगस्त के दिन को ही आजादी का दिन इसीलिए चुना था, क्योंकि दो वर्ष पहले 15 अगस्त के दिन ही मित्र देशों की सेना के सामने जापान ने समर्पण किया था।
भिकाजी रुस्तम कामा पहली ऐसी शख्स थीं, जिन्होंने 22 अगस्त, 1907 को जर्मनी में तिरंगा फहराया था। लेकिन इस तिरंगे में और भारत के राष्ट्रीय ध्वज में थोड़ा अंतर था।
गांधीजी ने आजादी का दिन अनशन कर के मनाया था। गांधीजी आजादी के दिन कोलकाता में थे।
1947 के भारत विभाजन के दौरान ही ब्रिटिश भारत में से श्रीलंका और म्यांमार को भी अलग किया गया, लेकिन इसे भारत के विभाजन में नहीं शामिल किया जाता है।
भारत 15 अगस्त को आजाद जरूर हो गया, लेकिन उसका अपना कोई राष्ट्र गान नहीं था। रवींद्रनाथ टैगोर जन-गण-मन 1911 में ही लिख चुके थे, लेकिन यह राष्ट्रगान 1950 में बन पाया।
15 अगस्त तक भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा का निर्धारण नहीं हुआ था।17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन की घोषणा से इसका फैसला हुआ।
हर स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं। लेकिन 15 अगस्त, 1947 को ऐसा नहीं हुआ था।
लोकसभा सचिवालय के एक शोध पत्र के मुताबिक नेहरू ने 16 अगस्त, 1947 को लालकिले से झंडा फहराया था।
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