अपने सपनों का महल बनाने के लिए 'ईंट' सबसे जरूरी चीज होती है। ईंट की मदद से कई मंजिला इमारतें बनकर तैयार होती हैं।
क्या आपने कभी सोचा है कि ईंट का रंग पीला, नीला या हरा क्यों नहीं होता?
क्या आप जानते हैं कि ईंट का रंग हमेशा लाल क्यों होता है? आइए इसके पीछे की वजह बताते हैं।
ईंट को चिकनी पीली मिट्टी से बनाकर तैयार किया जाता है। पीली मिट्टी में कई तत्व होते हैं। इसमें 50 से 70 प्रतिशत रेत, 20 से 30 प्रतिशत एलुमिना, 2 से 5 प्रतिश लाइम, 1 प्रतिशत मैग्नीशियम और 7 फीसदी लोहा होता है।
सांचे में डालकर ईंट को आकृति दी जाती है और पकाने के लिए इसे काफी समय तक ऊंचे तापमान में आग की भट्टी में पकाया जाता है। इस भट्टी का तापमान 875 से 900 डिग्री सेल्सियस तक होता है।
इतने अधिक तापमान पर लोहा और अन्य धातुएं रिएक्शन करती हैं। अन्य धातुओं के ऑक्साइड अलुमिनिया सिलिका के साथ मिलकर आयरन ऑक्साइड बनाती हैं। आयरन ऑक्साइड की ही वजह से ईंट का रंग गहरा लाल हो जाता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि ईंट जिस सांचे की मदद से बनाई जाती है। पकने के बाद वह ईंट कच्ची ईंट के मुकाबले करीब 10 फीसदी छोटी हो जाती है। दरअसल, भट्टी में ऊष्मा पाकर पकी ईंट सिकुड़ जाती है और काफी ठोस हो जाती है।
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