Jun 13, 2020
जोधपुर जाएं तो मंडोर गार्डन घूमने जरूर जाएं। यहां कई ऐसे स्मारक हैं जो हिंदू मंदिरों की तरह बनाए गए हैं जो इसकी खूबसूरती को और बढ़ाते हैं। ये शहर घूमने का अच्छा समय सर्दियों का है इसलिए यहां अक्टूबर से मार्च के बीच जाएं।
साल 1943 में बना उम्मेद भवन पैलेस जोधपुर की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। यह जोधपुर के राजा गज सिंह का घर तो है ही साथ ही ये हेरिटेज होटल और म्यूजियम भी है।
मेहरानगढ़ किला का निर्माण राव जोधा ने साल 1459 में किया था, जो कि देश के सबसे बड़े किलों में से एक है। जोधपुर जाएं तो मेहरानगढ़ किले जाना ना भूलें।
सात दरवाजे वाला यह किला दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंचा है। किले की चोटी से पाकिस्तान की सीमा दिखती है।
जसवंत थड़ा जोधपुर की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। इसे साल 1899 में महाराज सरदार सिंह ने अपने पिता महाराज जसवंत सिंह II की याद में बनवाया था।
जोधपुर का घंटा घर यानी क्लॉक टावर जोधपुर की सबसे मशहूर जगहों में से एक है जिसका निर्माण करीब 200 साल पहले महाराजा सरदार सिंह ने किया था। यहीं शहर का सबसे मशहूर बाजार भी है।
फ्लाईंग फॉक्स जिपलाइन जोधपुर के सबसे यादगार एक्सपीरियंस में से एक साबित हो सकता है। यह 6 जिप लाइंस का सेटअप है जिसमें दीवारों, किलों और झीलों का सफर करवाया जाता है।
तूरजी का झालरा, जिसे स्टेपवॉल ऑफ जोधपुर भी कहा जाता है। यह जोधपुर की उन संरचनाओं में से एक है जो इस शहर की जल प्रबंधन प्रणालियों को दर्शाती है।
कायलाना झील काफी खूबसूरत है इसकी खासियत यह है कि यह मानव निर्मित है जो 84 स्क्वायर किलोमीटर में फैली है। इसका निर्माण साल 1872 में किया गया था।
अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर बालसमंद झील एक हैरिटेज होटल भी है, जिसका निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था। जोधपुर जाएं तो यहां जाना ना भूलें।
राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क का निर्माण मेहरानगढ़ किले के पीछे चट्टानी बंजर भूमि में साल 2006 में किया था। हालांकि लोगों के लिए यह साल 2011 में खोला गया।
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