भारत का दिल कहे जाने मध्य प्रदेश में कई पर्यटन स्थल हैं। इनमें से एक है ग्वालियर। एतिहासिक धरोहरों, राजा-महाराजाओं की विरासत वाले इस शहर में देश-विदेश से सालाना कई पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।
ग्वालियर का किला भारत का सबसे प्राचीनतम किला माना जाता है। 300 फीट ऊंचा ये किला सेन्ड स्टोन से बना हुआ है। इस किले के भीतरी हिस्सों में मध्यकालीन अद्भुत नमूने स्थित हैं।
जयविलास पैलेस सिंधिया राजपरिवार का वर्तमान निवास स्थल है। इस महल के 35 कमरों को संग्रहालय में तब्दील कर दिया है। यहां लगे हुए दो झाड़ फानूसों का भार दो-दो टन का है।
जय विलास महल का निर्माण 1874 में हुआ था और यह यूरोपियन आर्किटेक्चर पर आधारित है। यह खासतौर पर अपने दरबार हाल के लिए मशहूर है।
ग्वालियर में स्थित मान मंदिर महल ऐतिहासिक महत्व का स्थान है। इसका निर्माण तोमर राजवंश के राजा मान सिंह तोमर ने 15वीं सदी में करवाया था। इसी स्थान पर औरंगजेब ने अपने भाई मुराद को जान से मरावा दिया था।
सास बहू का मंदिर 11वीं सदी की शानदार मूर्तिकला का अद्भुत नमूना है। कच्छपघात राजवंश के राजा महिपाल ने साल 1093 में इसका निर्माण किया था। भगवान विष्णु का ये मंदिर सास और बहू को समर्पित है।
रानी लक्ष्मी बाई की समाधि ग्वालियर के फूलबाग के मैदान में स्थित है। यहां रानी लक्ष्मीबाई की आठ मीटर ऊंची मूर्ति रखी है। रानी लक्ष्मीबाई की स्मृति में हर साल जून में मेला लगता है।
तेली का मंदिर ग्वालियर दुर्ग के परिसर में स्थित एक प्राचीन हिन्दू मन्दिर है। मंदिर के अंदर देवियों, सांपों, प्रेमी युगलों और गरुड़ की मूर्तियां हैं।
ग्वालियर दुर्ग के भूतल भाग में गुजरी महल स्थित है। गुजरी महल स्थित संग्रहालय मध्यप्रदेश का सबसे पुराना संग्रहालय है।
ग्वालियर से 112 किलोमीटर दूर भादिया कुंड, उन स्थानों में से एक है जहां प्राकृतिक झरनों का आप मजा ले सकते हैं। ये पर्यटकों के लिए सुरक्षित और साफ है।
शिवपुरी से ग्वालियर की ओर आने पर करीब 48 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सुल्तानगढ़ पॉपुलर पिकनिक स्पॉट है।
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स