May 2, 2020
By: मेधा चावलाअहमदाबाद को करीब से जानने के लिए हेरिटेज वॉक में जरूर जाएं। ये आपको शहर के तमाम कोनों - लाल दरवाजा, भद्रा फोर्ट, तीन दरवाजा, मानेक चौक आदि के बारे में बताएगी।
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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की बनाई इस जगह पर आपको एक अलग ही शांति मिलेगी। यहां से साबरमती नदी का नजारा भी जरूर लें।
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सितंबर-अक्टूबर में यहां नवरात्रि पर गरबा और डांडिया देखने लाखों पर्यटक आते हैं। एक बार तो अहमदाबाद में इसका मजा आप भी जरूर लें।
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15वीं शताब्दी का ये वाव उस समय की वास्तुकला को दिखाता है। यह एक स्टेपवेल यानी बावड़ी है जहां पानी स्टोर होता था।
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इसका निर्माण 1848 में सफद पत्थर से हुआ था। यह 15 वें जैन तीर्थंकर धर्मनाथ को समर्पित है।
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ये 500 साल पुरानी हैं। यदि मीनारों में से एक को हिलाया जाता है, तो दूसरी मीनार कुछ सेकंड के भीतर हिल जाती है।
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इसे 1424 में सम्राट सुल्तान अहमद शाह ने बनवाया था। वह अहमदाबाद के संस्थापक माने जाते हैं और शहर का नाम उन्हीं पर रखा गया है।
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अहमदाबाद में 30 से भी ज्यादा म्यूजियम हैं। इनमें आप पुरातन काल के बर्तनों से लेकर तमाम पतंगों और विंटेज कारों तक को देख सकते हैं।
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इसका निर्माण भानुभाई शाह ने कराया था और वास्तुकार ले कोर्बुसियर ने डिजाइन किया था। यहां देश-विदेश की तमाम तरह की पतंगें रखी गई हैं।
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संग्रहालय में सैकड़ों वर्षों से लेकर वर्तमान समय तक के बर्तनों का संग्रह है। इसकी परिकल्पना प्रसिद्ध वास्तुकार- श्री सुरेंदर सी द्वारा की गई थी।
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यहां आप दुनिया की पुरानी कारें देख सकते हैं। साथ कुछ फीस देकर इनको चलाने में भी मास्टर हो सकते हैं।
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नवंबर से फरवरी तक ठंड का मौसम बेस्ट है। वैसे अगर भीड़ से बचकर आराम से शहर घूमना चाहें तो अगस्त से अक्टूबर और मार्च-अप्रैल में भी प्लान कर सकते हैं। ये शहर रेल व हवाई मार्ग से जुड़ा है।
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