भारतीय बैडमिंटन को नई ऊंचाई में पहुंचाने का क्रेडिट किसी एक प्लेयर को जाएगा तो वह हैं सायना नेहवाल। सायना नेहवाल ओलंपिक से लेकर कॉमनवेल्थ गेम्स में देश का झंडा ऊंचा कर चुकी हैं।
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सायना नेहवाल के पिता हरवीर सिंह आईसीएआर में कृषि वैज्ञानिक हैं। उनके पिता और मां ऊषा नेहवाल भी बैडमिंटन के बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं।
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सायना ने लंदन ओलम्पिक 2012 में महिला सिंगल वर्ग में कांस्य पदक जीता था। ऐसा करने वालीं वह देश की पहली महिला बेडमिंटन खिलाड़ी हैं।
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सायना नेहवाल ने बेडमिंटन के अलावा कराटे में ब्राउन बेल्ट भी हैं। इसके अलावा साइना को टेनिस खेलना भी पसंद है।
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सायना नेहवाल ने साल 2010 में भारत में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में साइना ने महिला सिंगल वर्ग का गोल्ड मेडल हासिल किया था।
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सायना ने बैडमिंटन के लिए अपने जूनून के खातिर दो बार 12वीं क्लास का एग्जाम छोड़ दिया था।
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सायना नेहवाल की दादी चाहती थी कि उनके घर में पोता पैदा हो। बेटी के जन्म के बाद चार महीने तक दादी ने उनका चेहरा नहीं देखा।
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सायना नेहवाल ने साल 2018 में बेडमिंटन प्लेयर परूपल्ली कश्यप से शादी रचाई थी। इस शादी में खास रिश्तेदार समेत केवल 40 लोग ही शामिल हुए थे।
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सायना ने बताया कि वह साल 2000 में पहली बार हेदराबाद में एक कैंप के दौरान परूपल्ली कश्यप से मिली। तब उनकी उम्र 10 साल थी।
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सायना नेहवाल पद्म भूषण, अर्जुन पुरस्कार और राजीव गांधी खेल रत्न जीत चुकी हैं। सायना के कोच पुलेला गोपीचंद हैं।
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