मैरी कॉम एक ऐसा नाम जिसने न केवल महिला बॉक्सिंग को पहचान दिलाई बल्कि कई प्रतियोगिताओं में देश के झंडे को भी ऊंचा किया है। मणिपुर प्रदेश के छोटे से गांव में जन्मी मैरी कॉम ने खेल के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा चुकी हैं।
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मैरी कॉम को बॉक्सर बनने की प्रेरणा मोहम्मद अली से मिली थी। मैरी कॉम बचपन में टीवी पर मोहम्मद अली को मुक्केबाजी करते देखती थीं।
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मैरी कॉम के घरवालों की मर्जी की खिलाफ जाकर बॉक्सिंग की ट्रेनिंग ली थी। शुरुआत में कई लोग उनका मजाक बनाया करते थे।
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मैरी कॉम ने साल 200 में राज्य स्तर की चैंपियनशिप जीतकर सबका मुंह बंद कर दिया था।
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मैरी कॉम अकेली महिला मुक्केबाज़ हैं, जिन्होंने अपनी सभी 6 विश्व प्रतियोगिताओं में पदक जीता है।
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मैरी कॉम ने साल 2012 के लंदन ओलिंपिक्स में कांस्य पदक जीत कर देश का नाम रोशन किया था।
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मैरी कॉम ने साल 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था।
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एशियन गेम्स महिला मुक्केबाजी प्रतियोगिता में उन्होंने 5 स्वर्ण और एक रजत पदक जीता है।
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मैरी कॉम को साल 2016 में राज्य सभा के लिए नोमनेट किया गया। उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री, पद्मविभूषण और पद्मभूषण जैसे सम्मान मिल चुके हैं।
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मैरी कॉम ने साल 2005 में ओन्लर कॉम से शादी की। मैरी के तीन बच्चे भी हैं।
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मैरी कॉम की ऑटोबायोग्राफी का नाम अनब्रेकेबल है। उन पर बनी फिल्म में प्रियंका चोपड़ा ने लीड रोल निभाया था।
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