शतरंज यानी चेस में भारत ने एक से बढ़कर एक खिलाड़ी दिए हैं। विश्वनाथन आनंद, कोनेरो हम्पी,निशा मेहतो के बाद शतरंज की जिस खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी हैं, वो है तान्या सचदेव।
तानिया सचदेव का जन्म 20 अगस्त 1986 को दिल्ली में हुआ। तानिया सचदेव ने महज 6 साल की उम्र से ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। उनकी मम्मी अंजू भी शतरंज खिलाड़ी रही हैं।
तानिया सचदेव ने महज आठ साल की उम्र में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता। 1994 में उन्होंने नॉरविच में ब्रिटिश चैंपियनशिप में पांच खिताब जीते थे। इसके अलावा वह इंटरनेशनल जूनियर मास्टर बनी थीं।
1997 में 12 वर्ष से कम आयु वर्ग में तानिया सचदेव ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती थी। वहीं, साल 1999 में 19 वर्ष से कम आयु वर्ग में तानिया ने दिल्ली की चैंपियनशिप जीती थी।
2007 में तानिया सचदेव ने एशियाई महिला ग्रैंड मास्टर का खिताब जीतकर गोल्ड मेडल हासिल किया। यही नहीं, उन्होंने विश्व महिला शतरंज चैंपियनशिप के लिए भी क्वालीफाई कर लिया।
2007 एशियाई चैंपियनशिप के फाइनल राउंड में तानिया ने चीन की खिलाड़ी जू वेनजुन के साथ 6.5 अंक से ड्रॉ खेला था। इसके बाद टाई ब्रेकर में उन्होंने बाजी मारी थी।
साल 2012 में तान्या सचदेव ने इस्तांबुल चेस ओलंपियाड में शानदार प्रर्दशन किया था। हालांकि, इस टूर्नामेंट में उन्हें ब्रॉन्ज मेडल से संतुष्ट होना पड़ा था।
तानिया सचदेव को विशाल सरीन ने कोचिंग दी है। तानिया कई टूर्नामेंट्स में मिली सफलता का क्रेडिट अपने कोच को देती हैं।
शतरंज खेलने के अलावा तानिया सचदेव को मॉडलिंग का भी शौक है। वह कई फैशन शो में रैंप वॉक भी कर चुकी हैं।
साल 2009 में भारत सरकार ने तान्या को प्रतिष्ठित अर्जुन अवॉर्ड्स से सम्मानित किया था। तानिया सचदेव एक क्लासिकल डांसर भी हैं।
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