दिल्ली में स्मॉग बताती है कि वायु प्रदूषण किस खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। हर साल अक्टूबर से ये समस्या शुरू होती है, जिसमें सांस लेना दूभर रहता है।
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वायु प्रदुषण के कारण कई को सिरदर्द, सर्दी, अनियमित पीरियड्स और खांसी जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। वायु प्रदूषण की वजह से समय से पहले होने वाली मौतों के मामले में चीन पहले नंबर पर है जबकि भारत दूसरे नंबर पर है।
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वायु प्रदूषण के बढ़ने से शरीर में खनिज की मात्रा कम होने के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और इनके टूटने का खतरा बढ़ जाता है।
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वायु प्रदूषण खासकर स्मोग सुबह के वक्त बहुत ज्यादा रहता है, इसलिए बेहतर होगा, कि सुबह 5 या 6 बजे की बजाय धूप निकलने के बाद करीब 8 बजे वॉक पर निकलें।
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सर्दियों में जहां वायु प्रदूषण ज्यादा रहता है, वहां लोग पानी भी कम पीते हैं लेकिन ये खतरनाक साबित हो सकता है। दिन में करीब 4 लीटर पानी जरूर पिएं। इससे शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई सही बनी रहेगी ।
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अगर आप घर में बाहर से आए हो तो गुनगुने पानी से मुंह, आंखें और नाक साफ करें। अस्थमा और दिल के मरीज अपनी दवाएं सही समय पर लें ।
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अगर, स्थिति खराब हो, तो आपको कुछ दिनों के लिए घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। अगर निकलना भी पड़े तो मास्क लगा कर निकलें।
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साइकल चलाने वाले लोगों को भी मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। बच्चों का खास ख्याल रखें।
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दिन के मुकाबले रात में प्रदूषण का ज्यादा खतरा होता है। तापमान जितना कम और मौसम जितना ठंडा होगा, हवा में मौजूद प्रदूषण की मारक क्षमता उतनी ही ज्यादा होगी।
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रात में बाहर जाने से बचें। दरअसल रात में धुंध की परत गहरी होती जाती है। इसलिए रात में प्रदूषण का स्तर खतरनाक होता चला जाता है।
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