जूस स्वस्थ लाइफस्टाइल का एक अहम हिस्सा है। अगर आप भी हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहते हैं तो आज ही जूस को अपनी डाइट का हिस्सा बना लें। ताजे फलों का जूस शरीर में औषधि का भी काम करता है।
जूस बनाने के लिए सबसे अहम चीज होती है जूसर। जूस बनाने से पहले अपने जूसर को जरूर साफ करें। जूसर में कई बैक्टिरियां जमा होता है। इससे आपके शरीर को बीमारी पकड़ सकती है।
जूस यदि आपके दिनचर्या का हिस्सा है तो ध्यान रखें कि हमेशा ताजा फलों के जूस का ही सेवन करें। बासी जूस नुकसानदायक होता है। बासी जूस में पोषण भी खत्म हो जाते हैं।
कई लोगों को जूस पीने के बाद एसिडिटी महसूस होती है। ऐसे में जूस में थोड़ा पानी मिलाया जा सकता है।
जूस पीने से पहले डाइटिशियन से जरूर संपर्क करें। डायटिशियन की सलाह के बाद ही सब्जी और फल का तालमेल करें।
फलों में सबसे जरूरी चीज होती है फाइबर। ऐसे में फलों का जूस बनाते समय उसे फिल्टर न करें।
जब आप सेब, प्लम या चैरी जैसे फलों का जूस बना रहे हैं तो उसकी गुठली को जरूर निकाल दें। इसके अलावा गूदे से ही जूस बनाएं।
जूस को पीने में जल्दबाजी न करें। इसे हल्के-हल्के पिएं। जूस मुंह की लार के साथ मिलकर आपके पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
आप यदि सब्जियों का जूस पी रहे हैं तो ध्यान रखें कि सब्जियां कच्ची न हो। कच्ची सब्जियों को पचाने में काफी मुश्किल आती है।
गन्ने का जूस पीते वक्त इस बात का खास ध्यान रहे कि उसमें फफूंदी ने ली हो। इससे हेपेटाइटिस ए, डायरिया और पेट की बीमारियां होती है।
पुदीने की पत्तियों में विटामिन ए, फॉलेट, जिंक और मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में होते हैं।जूस बनाते वक्त आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
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