बारिश का मौसम हो, पार्टी या कोई खास त्योहार हो- कचौरी हर मौके पर जायकेदार लगती है। गर्म-गर्म खस्ता कचौरी को कोई टक्कर नहीं दे सकता है।
देश के अलग अलग हिस्सों में कचौरी का स्वाद भी अलग है। राजस्थान में जहां प्याज की कचौरी चलती है, वहीं उत्तर प्रदेश में दाल या आलू भरी कचौरी पसंद की जाती है।
यहां हम दाल भरी कचौरी बनाने की विधि सीखते हैं। इसे आप एक हफ्ते आराम से स्टोर करके रख सकते हैं।
मैदा करीब 250 ग्राम और घी करीब 75 ग्राम। इसमें दो चुटकी नमक मिलाकर थोड़ा थोड़ा पानी डालते हुए नर्म आटा गूंदें। इसे 15-20 मिनट रखने के बाद ही कचौरी बनाएंगे।
50 ग्राम उड़द की दाल - 4 घंटे भीगी हुई, एक छोटी चम्मच के करीब सौंफ पाउडर, धनिया पाउडर, जीरा पाउडर, अदरक पाउडर और नमक। इससे थोड़ी कम मात्रा में हींग, अमचूर पाउडर, गरम मसाला और बेकिंग सोडा पाउडर लें।
दाल को बिना पानी के मिक्सी में पीस लें। पैन में थोड़ा तेल डालकर हींग, जीरा पाउडर, धनिया पाउडर, सौंफ पाउडर धीमी आंच पर भूनें। अब दाल का पेस्ट, नमक, लाल मिर्च, अदरक पाउडर, अमचूर, गरम मसाला और बेकिंग सोडा डालें।
इस पूरे मसाले को सूखने तक भूनें। इसकी बहुत अच्छी महक आने लगेगी। हां, इसे आप लगातार चलाएं ताकि ये पैन में चिपके नहीं।
तैयार आटे में थोड़ा सा आटा लेकर उसकी लोई यानी पेड़ा बनाएं। इसमें छेदकर भरावन डालें और फिर अच्छी तरह बंद कर दें। थोड़ा दबा दें।
अब ये तैयार लोइयां आप गर्म तेल में डीप फ्राई करें। कचौरियां मध्यम या धीमी आंच पर तलें। एक राउंड तैयार होने में करीब 15 मिनट का समय लगेगा।
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