तकरीबन 400 फिल्मों में काम कर चुके गुलशन ग्रोवर बॉलीवुड के बेहतरीन विलेन के रूप में स्थापित हुए। उनका एक संवाद बैडमैन आज भी लोगों के जुबान पर है।
पेशे से प्रोफेसर रहे और सिविल इंजीयरिंग पढ़ाने वाले कादर खान ने अपनी फिल्मी पारी भले ही देर से शुरू की, लेकिन वे जल्द ही बॉलीवुड में कई क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा दिखाते नजर आए।
शक्ति कपूर 30 सालों से बॉलीवुड के लीडिंग विलेन के रूप में जाने जाते हैं। अंदाज अपना अपना में उनका किरदार मास्टर गोगो काफी फेमस हुआ।
सिक्किम से आने वाले डैनी ने तकरीबन 190 फिल्मों में काम किया और खलनायकी के लिए मशहूर हुए। उन्हें लोकप्रिय बनाया घातक के कात्या ने और क्रांतिवीर के चतुर सिंह चिता ने।
हिंदी सिनेमा में 30 साल से भी ज्यादा का समय गुजार चुके अनुपम खैर बॉलीवुड के वर्सेटाइल अभिनेता कहे जाते हैं। मुख्यधारा के खलनायकों में लंबे समय तक उन्होंने अपनी जगह बनाए रखी।
बॉलीवुड में तकरीबन 50 साल गुजार चुके प्रेम चोपड़ा आज भी हिंदी सिनेमा में खलनायक चरित्र का पर्याय बने हुए हैं। उनका फेमस डायलॉग, प्रेम नाम है मेरा प्रेम आज भी हर बच्चे की जुबान पर है।
अमजद खान ने तकरीबन 30 साल से ज्यादा समय इंडस्ट्री में गुजारा और शोले फिल्म के गब्बर सिंह के रूप में मशहूर हुए।
अमरीश पुरी आज बॉलीवुड में नहीं हैं, लेकिन हिंदी सिनेमा को उनके जैसा चरित्र अभिनेता और विलेन मिलना गौरव की बात रही। खलनायक की भूमिका में तो वे लंबे समय तक अपने किरदारों के लिए जाने गए।
तकरीबन 50 साल हिंदी सिनेमा में गुजार देने वाले इस महान अभिनेता ने बॉलीवुड को खलनायक के रूप में बेहतरीन और अमर कर देने वाली भूमिकाएं दीं।
सलमान खान की फिल्म दबंग में सोनू सूद का एक नया अवतार देखने को मिला, वहीं रणवीर सिंह की सिंबा में भी उनकी खलनायकी का जादू देखने को मिला।
साउथ की फिल्मों से हिंदी सिनेमा आए और नए दौर के खलनायक के रूप में उभरे। दबंग 2, सिंघम और सिंह साहब दी ग्रेट जैसी फिल्मों में वह हीरो पर भारी रहे।
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