Aug 3, 2022
कंपनियां अपने कर्मचारियों को सैलरी, पेंशन और प्रोविडेंट फंड (PF) का साथ- साथ ग्रेच्युटी का भी लाभ देती हैं।
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ग्रेच्युटी कंपनी की ओर से एक रिवॉर्ड की तरह होती है, जिसका भुगतान नौकरी की कुछ शर्तों को पूरा करने पर किया जाता है।
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अगर कोई कर्मचारी एक ही कंपनी में लंबे समय तक काम करता है, तो उसे नौकरी छोड़ने पर ग्रेच्युटी दी जाती है।
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अगर कोई कर्मचारी किसी कंपनी में कम से कम 5 साल तक काम करता है, तो वह ग्रेच्युटी का हकदार होता है।
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कंपनी अपनी मर्जी से कर्मचारियों को कितनी भी ग्रेच्युटी नहीं दे सकती है, बल्कि इसे एक निर्धारित फॉर्मूले के तहत कैलकुलेट किया जाता है।
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ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का फॉर्मूला है- पिछली सैलरी X काम करने की अवधि X 15/26
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इस Gratuity Calculation Formula में पिछली सैलरी का मतलब बेसिक सैलरी, महंगाई भत्ता (DA) और बिक्री पर मिला कमीशन है।
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अगर आपकी पिछली सैलरी 50,000 रुपये है और आपने 6 सालों तक कंपनी में काम किया है, तो आपकी ग्रेच्युटी की रकम 1,73,076 रुपये (50,000 X 6 X 15/26) होगी।
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नौकरी बदलने से पहले ग्रेच्युटी के बारे में जानना जरूरी है। यह कर्मचारियों को मिलने वाला एक अतिरिक्त लाभ होता है।
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