आयुर्वेद में काढ़ा एक नहीं कई मर्ज की रामबाण दवाएं हैं। कोरोना काल ने काढ़े की अहमियत को और ज्यादा बढ़ा दिया है।
काढ़ा स्वास्थय के साथ-साथ खूबसूरती बढ़ाने में भी मदद करता है।
काढ़े में एंटी ऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है जो त्वचा में नेचुरल एंटी एजिंग की तरह काम करता है। ये त्वचा संबंधी परेशानियों को दूर करने में मदद करता है।
काढ़ा बनाने के लिए आपको पांच तुलसी के पत्ते चाहिए। तुलसी में एंटी बैक्टीरियल, एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो स्किन प्रॉब्लम्स को दूर रखने में मदद करता है।
गिलोय का काढ़ा भी त्वचा की खूबसूरती के लिए बेहद फायदेमंद है। गिलोय में एंटी एजिंग गुण होते हैं जो त्वचा के डार्क सर्कल, पिंपल्स और झुर्रियों को कम करने में मदद करता है।
हल्दी में एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं जो चेहरे को एक नया ग्लो देने में मदद करते हैं।
दालचीनी स्किन टोन को निखारने में मदद करता है। काढ़े में दालचीनी को मिला दें और अच्छी तरह उबाल आने दें। हफ्ते में तीन दिन इस काढ़े को पिएं।
मंजिष्ठा में एंटी-वायरल, एंटी कैंसर, एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं। मंजिष्ठा को त्वचा की खूबसूरती के लिए उपयोगी जड़ी-बूटी माना जाता है। मंजिष्ठा चहेरे की खूबसूरती बढ़ाने के साथ-साथ चेहरे से संबंधित सभी बीमारियों को दूर करती है।
काढ़ा बनाने के लिए तुलसी, गिलोय, हल्दी, दालचीनी को तीन ग्लास पानी में उबाले। इसे एक ग्लास पानी होने तक उबालें। इसके बाद आप काढ़ा पी सकते हैं।
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