Feb 16, 2024

भारत से हजारों किलोमीटर दूर इस मुस्लिम देश के मंदिर में सदियों से जल रही ज्वाला

Amit Mandal

​बाकू में हिंदू देवाताओं का मंदिर​

98 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले देश अजरबैजान की राजधानी और सबसे बड़े शहर बाकू में भारतीय देवताओं वाला एक मंदिर आतिशगाह है।

Credit: Trails-of-Eurasia-TV

आतिशगाह में जलती है ज्वाला

टेंपल ऑफ फायर आतिशगाह बाकू के सुरखानी में स्थित है। सोवियत संघ के दौर में बड़े पैमाने पर गैस निकालने से 1969 तक भंडार खाली होने तक ज्वाला प्राकृतिक तौर पर जलती रहती थी।

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​गैस पाइपलाइन से ईंधन​

अब इस आग के लिए ईंधन बाकू से आने वाली गैस पाइपलाइन से दिया जाता है।

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सुषमा स्वराज भी पहुंची थीं

भारत की विदेश मंत्री रहने के दौरान साल 2018 में स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने अजरबैजान का दौरा किया था और बाकू में 'अग्नि के मंदिर' आतिशगाह भी गई थीं.।

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​1975 में संग्राहलय बनाया गया

आतिशगाह को 1975 में संग्राहलय बनाया गया था। ये पूरी तरह संरक्षित है। इस मंदिर में पूजा नहीं होती क्योंकि यहां हिंदू आबादी न के बराबर है।

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लगातार जलती है आग

लगातार जलती आग की वजह से ये दुनिया भर के सैलानियों के बीच खासा मशहूर है। इसे देखने हर साल सैकड़ों सैलानी आते हैं।

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​किले की तर्ज पर बना मंदिर​

इस मंदिर की इमारत किले की तर्ज पर बनी है, जबकि इसकी छत हिंदू मंदिर जैसी है। छत पर दुर्गा का त्रिशूल है। मंदिर के अंदर एक अग्निकुंड है, जिसमें लगातार आग जली रहती है।

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भगवान गणेश की वंदना

बाकू के 1745-46 के इस आतिशगाह में शिलालेख की पहली पंक्ति भगवान गणेश की वंदना करती है और दूसरी पवित्र अग्नि यानी ज्वाला की है। यहां 14 संस्कृत, दो पंजाबी और एक फारसी के शिलालेख हैं।

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​अजरबैजान 3,682 किलोमीटर दूर​

अजरबैजान से भारत की दूरी 3,682 किलोमीटर है। इसके बाद भी ये हिंदू मंदिर की वजह से भारत से जुड़ा हुआ है, ये बात हैरानी पैदा करती है।

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