Apr 1, 2024

​स्पेस में जाने के लिए क्यों पड़ती है अंतरिक्ष यान की जरूरत, कितना लगता है समय​

Amit Mandal

कारमन रेखा 100 किमी. दूर

वायुमंडल और अंतरिक्ष के बीच की सीमा रेखा है को कारमन रेखा कहते हैं। कारमन रेखा समुद्र तल से 100 किलोमीटर ऊपर है।

Credit: NASA

​धरती से स्पेस की दूसरी 100 किमी.​

यानी कहा जा सकता है कि धरती से स्पेस की दूसरी 100 किमी. है। कारमन रेखा ही बताती है कि धरती के बाद कहां से अंतरिक्ष की शुरुआत हो रही है।

Credit: NASA

​हवाई जहाज से जाना संभव नहीं​

अंतर‍िक्ष में सामान्‍य हवाई जहाज से नहीं जाया जा सकता क्‍योंकि वह गुरुत्‍वाकर्षण क्षेत्र में ही रह सकता है। इसीलिए अंतर‍िक्ष में जाने के लिए अंतर‍िक्ष यान की जरूरत होती है।

Credit: NASA

​बेहद शक्‍त‍िशाली इंजन की जरूरत​

इसके लिए यान को बेहद शक्‍त‍िशाली इंजन से लॉन्‍च किया जाता है, ताकि वह धरती के गुरुत्‍वाकर्षण दबाव को मात दे सके।

Credit: NASA

ग्रेविटी पार करते ही गति और तेज

जैसे ही यह ग्रेविटी को पार करता है, इसकी गति और भी तेज हो जाती है।

Credit: NASA

​इंजन की ताकत और गति​

इसकी गति कितनी तेज होगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि लॉचिंग इंजन कितना शक्‍त‍िशाली है।

Credit: NASA

​स्पेस पहुंचने में लगते हैं 8:30 मिनट

नासा के मुताबिक, आमतौर पर अंतरिक्षयान के स्पेस में पहुंचने में 8:30 मिनट का समय लगता है।

Credit: NASA

स्‍पेसएक्‍स का रॉकेट 3.24 मिनट में पहुंचता है

लेकिन स्‍पेसएक्‍स जैसा स्‍पेसक्राफ्ट जो फॉल्‍कन जैसे हैवी रॉकेट से लॉन्‍च किया जाता है, उसे अंतर‍िक्ष तक पहुंचने में सिर्फ तीन मिनट 24 सेकेंड का समय लगता है।

Credit: NASA

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