सिकंदर की सेना 'प्यास और पानी' दोनों से मरी, ये जगह बनी थी 'मौत का मैदान'

Ravi Vaish

Feb 06, 2025

​​सिकंदर​​

सिकंदर का इतिहास में बहुत ज्यादा जिक्र है, उसका भारतीय अभियान भारतीय उपमहाद्वीप में 327 ईसा पूर्व से 325 ईसा पूर्व तक चला था

Credit: wikimedia/social media

​राजा पोरस​

​सिकंदर ने हाइडस्पेस नदी (झेलम नदी) के युद्ध में भारतीय राजा पोरस को हराया था उसका इतिहास में प्रमुखता से जिक्र है

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​​सिकंदर के सैनिक​​

इतिहासकार बताते हैं कि सिकंदर के सैनिक बहुत लंबे समय से घर से दूर थे और एक पोरस से लड़ाई के बाद उन्हें डर रहे थे कि एक विशाल सेना उन पर हमला करेगी

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​​व्यास नदी​​

इसके बाद सिकंदर की सेना व्यास नदी पहुंची तो उसके सैनिकों ने डर और थकान की वजह से आगे बढ़ने से इनकार कर दिया था

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​​गेड्रोसिया का रेगिस्तान ​

सिकंदर ने ये मांग मानते हुए अपनी सेना के एक बड़े भाग को वापस फारस भेज दिया, फिर वह बाकी सैनिकों को लेकर वह मकरान के गेड्रोसिया के रेगिस्तान की तरफ से गुजरा

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​खाने की कमी और प्यास​

​सिकंदर महान की सेना मकरान के गेड्रोसिया क्षेत्र से होकर गुजरते समय तेज गर्मी और पानी की कमी ने सेना के एक बड़े हिस्से को नष्ट कर दिया कई सैनिक खाने की कमी और प्यास से मारे गए

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​​भूख-प्यास से बेहाल​

इस क्षेत्र में जरूरी संसाधनों की कमी थी तो मजबूरी में सैनिकों को भूख मिटाने को अपने घोड़ों और खच्चरों को मारकर खाना पड़ता था और फिर झूठ बोल देते थे कि जानवर प्यास से मर गए या गर्मी से

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​पानी पीने से मौत​

जब भीषण गर्मी और प्यास को सहन करने के बाद इन सैनिकों को काफी भारी मात्रा में पानी ���िला, तो उनमें से कई लोग अपनी भूख को कंट्रोल न कर पाने के कारण अधिक मात्रा में पानी पीने से मर गए

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​​ हजारों सैनिक मारे गए​

सिकंदर के हजारों सैनिक रेगिस्तान में मारे गए, सिकंदर जो 120,000 पैदल सेना और 15,000 घुड़सवार सेना ले गया था, उनमें से केवल एक चौथाई ही वापस लौट पाए बाकी वहीं मर गए

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