Oct 21, 2024
अमेरिका ने सबसे पहले 1978 में GPS बनाकर दुनिया में खुद को सबसे ताकतवर बना लिया। इसके बाद पांच अन्य देशों ने अमेरिका की तर्ज पर अपने-अपने जीपीएस बनाए। आइए जानते हैं किन देशों के पास अपने नेविगेशन सिस्टम हैं।
Credit: NASA/X
ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) जिसे मूल रूप से नेवस्टार जीपीएस नाम दिया गया था, अमेरिका ने बनाया था। अमेरिकी रक्षा विभाग ने 1978 में जीपीएस बनाया था।
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जीपीएस को सबसे पहले सैन्य उपयोग के लिए डिजाइन किया गया था। साल 1983 में नागरिकों के लिए भी इसका इस्तेमाल करने की सुविधा शुरू की गई। कम पढ़ें
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1995 में रूस ने ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट (GLONASS) विकसित किया। यह एक रूसी अंतरिक्ष-आधारित उपग्रह नेविगेशन प्रणाली है। ग्लोनास के उपग्रहों को 19,100 किलोमीटर की ऊंचाई पर रखा गया है।
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अपने स्वदेशी उपग्रह नेविगेशन सिस्टम के माध्यम से संचालित होने वाला BeiDou नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम चीन ने बनाया है। इसे विशेष रूप से क्षेत्रीय कवरेज के लिए तैयार किया गया है।
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क्वासी-जेनिथ सैटेलाइट सिस्टम (QZSS) एक जापानी परियोजना है जिसका उद्देश्य उपग्रह-आधारित संवर्द्धन प्रणाली के साथ-साथ चार-उपग्रह समय हस्तांतरण प्रणाली विकसित करना है।
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प्रसिद्ध इतालवी खगोलशास्त्री गैलीलियो गैलीली के नाम पर बनाया गया गैलीलियो एक ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) है जिसे यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के सहयोग से यूरोपीय संघ (EU) द्वारा बनाया गया था।
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 2016 में देश को NAVIC नामक स्वदेशी जीपीएस और नेविगेशन सिस्टम दिया।
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इस उपग्रह के प्रक्षेपण के बाद भारत किसी दूसरे देश पर निर्भर हुए बिना अपने सभी सैन्य नेविगेशन अभियानों का प्रबंधन कर सकता है।
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नाविक के जरिए भारत के अंदर और देश की सीमा से 1,500 किलोमीटर के दायरे में सटीक और वास्तविक समय में नेविगेशन मिलता है।
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