​ये है पाकिस्तान का कटासराज मंदिर जहां रोए थे भगवान शिव, अब हिंदू वहां मनाएंगे महाशिवरात्रि

Shashank Shekhar Mishra

Mar 7, 2024

​​कटासराज धाम मंदिर​

पाकिस्तान 1947 में भारत से अलग होकर एक नया देश बन गया लेकिन आज भी भारत की कई ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरें वहां मौजूद हैं। ऐसी ही एक धरोहर पाकिस्तानी पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में स्थित कटासराज धाम मंदिर है।

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​​भगवान शिव को समर्पित है ये मंदिर

मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को समर्पित ये मंदिर 5000 साल पुराना है। महाभारत काल से जुड़े इस मंदिर में हर साल सैकड़ों भारतीय हिंदू श्रद्धालु दर्शन करने के लिए वहां जाते हैं।

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​​भगवान शिव के आंसुओं से इस मंदिर में बना है कुंड

कटासराज मंदिर का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर परिसर में बना तालाब भगवान शिव के आंसुओं से बना हुआ है।

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​कटासराज मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

हिन्दू मान्यताओं और कथाओं के अनुसार, जब माता सती की मृत्यु हो गई थी तो उनके विछोह में भगवान शिव इतना रोए थे कि दो कुंड भर गए थे। इनमें एक कुंड राजस्थान के पुष्कर में स्थित है, जबकि दूसरा पाकिस्तान के कटासराज मंदिर में स्थित है।

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​कटाक्ष कुंड के नाम से जाना जाता है मंदिर

कटासराज मंदिर में स्थित इस कुंड को कटाक्ष कुंड के नाम से भी जाना जाता है। तालाब और मंदिर का नाम भी दुख व्यक्त करने वाले नाम से ही रखा गया है। कटास का अर्थ आंखों में आंसू से होता है।

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​पांडवों से भी जुड़ा है इस मंदिर का इतिहास

मान्यता है कि 12 वर्ष के वनवास के दौरान पांडव भी इस कटासराज मंदिर पहुंचे थे और इसी तालाब के किनारे युधिष्ठिर और यक्ष के बीच संवाद भी हुआ था।

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​क्या है मंदिर का इतिहास

वर्तमान में मौजूद कटासराज मंदिर का निर्माण छठी और 9वीं शताब्दी के बीच किया गया था। मंदिर परिसर में बौद्ध स्तूप और हवेलियां भी शामिल हैं।

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