Amit Mandal
Sep 30, 2024
लेबनान की छविलेबनान का नाम सुनते ही आपके दिमाग में शायद हिज्बुल्लाह लड़ाकों और एक युद्ध-ग्रस्त देश की छवि उभरती होगी।
Credit: AP
लेकिन कुछ दशक पहले तक यह पश्चिम एशियाई देश पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र था, और इसे लिबरल माना जाता था।
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1950 के दशक तक आते आते यहां पांच सितारा होटल, नाइटक्लब और रेस्टोरेंट खुलने लगे जिससे यहां दुनिया भार से अमीर पर्यटकों पहुंचने लगे।
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इसकी राजधानी बेरूत दुनिया के सबसे अमीर पर्यटकों को अपनी ओर खींचती थी, यह किसी यूरोपीय देश की तरह लगता था।
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बेरूत को कभी 'मिडिल ईस्ट का पेरिस' भी कहा जाता था। लेकिन अब यह देश हिंसा और खून-खराबों में घिर गया है।
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उस समय लेबनान की पहचान समुद्र तटों, भीड़भाड़ वाली सड़कों और आजादी से घूमने वाले लोगों के तौर पर थी।
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लेबनान की राजधानी बेरूत में 1930 के दशक में समुद्र किनारे पहला बीच क्लब सेंट जॉर्ज क्लब खुला था।
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लेकिन कुछ ही वर्षों में इस्लामिक कट्टरता बढ़ने के साथ ही मिडिल ईस्ट का स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले लेबनान राजनीतिक और आर्थिक संकट में डूब गया।
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70 के दशक के बाद लेबनान की दुखद यात्रा शुरू हुई। 1975 से 1990 तक चले गृहयुद्ध और अस्थिर सरकारों ने इसे संकट में डाल दिया।
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गृहयुद्ध के बाद सरकार कर्ज में डूबती चली गई और लेबनान एक गहरे आर्थिक संकट में फंस गया। बैंक दिवालिया हो गए और लोग गरीबी में डूब गए।
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2011 में जब शिया आतंकी संगठन हिज्बुल्लाह का प्रभाव और बढ़ा, तब ईरान जैसे कुछ देशों को छोड़कर पूरी दुनिया ने इससे दूरी बना ली।
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